अहमदाबाद. किराए के मकान पर रहने वाले व दिहाड़ी मजदूरी कर गुजारा चलाने वाले लोगों को उनके खुद के घर का सपना दिखाकर ३६ लाख रुपए की चपत लगाने का मामला पालडी थाने में दर्ज किया गया है।
यूनिटी फाउंडेशन के नाम से एनजीओ चलाने वाले भाठा गांव निवासी दीपक सिंह राजपूत, भरत सोनी व धर्मेश दातणिया पर अहमदाबाद महानगर पालिका (मनपा) के गरीब आवास योजना के खाली मकानों को आवंटित करने का दावा करते हुए १७ लोगों के पास से ३६ लाख रुपए ऐंठने और फिर मकान नहीं देकर, पैसे नहीं लौटाकर ठगी करने का आरोप लगाया गया है।
वासणा में प्रवीणनगर के पास रहने वाली पीडि़ता दीपिकाबेन दांतणिया ने इन तीनों के विरुद्ध पालडी थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया कि उसे करीब एक साल पहले पता चला कि पालडी भट्टा के पास नीलकंठ प्लाजा में यूनिटी फाउंडेशन के नाम से एनजीओ चलता है। यहां से गरीब लोगों को जिनके पास मकान नहीं होता है उन्हें मकान दिलाया जाता है। ऐसी बात सुनकर दीपिका दांतणिया अपनी चाची वसंतीबेन, नीरूबेन, शिल्पाबेन के साथ इनसे मिलने ऑफिस पहुंची। वहां पर मौजूद राजपूत, सोनी व
धर्मेन्द्र दांतणिया से मिलने पर इन लोगों ने कहा कि वे अहमदाबाद महानगरपालिका के गरीब आवास योजना के तहत खाली मकान आवंटित कराते हैं। इन्होंने कहा कि एक मकान के लिए ढाई से तीन लाख रुपए लगेंगे। साथ ही जितनी जल्दी रुपए देंगे उतनी जल्दी मकान मिलेेगा। एक-दो दिन के बाद रकम देने पर मकान नहीं मिलेगा। मकान मिलने के बाद हर महीने ढाई हजार रुपए की किश्त भरनी होगी। इसके अलावा वे राहत दर पर ऋण भी कराते हैं। इनकी बातों में आकर दीपिकाबेन ने अपने पिता राजूभाई, बहन शिल्पाबेन, चाची वसंतीबेन के साथ दूसरे दिन ही यूनिटी फाउंडेशन की ऑफिस पहुंची। दीपिका ने ५० हजार रुपए, उसके पिता ने ७० हजार, उसकी चाची वसंतीबेन ने ७० हजार और बहन शिल्पा ने ५० हजार रुपए इन लोगों को दिए।
इन लोगों ने कोई रसीद नहीं दी और कहा कि जब पूरे रुपए भर जाएंगे तब रसीद दी जाएगी धीरे-धीरे कर कुछ महीनों में इनके दिए बैंक खाते से सभी ने करीब डेढ़ लाख तक की रकम जमा कराई। इस पर फाउंडेशन के लोगों ने उस्मानपुरा व खमासा स्थिथ मनपा के कार्यालय ले जाकर बाहर खड़ा कर अंदर से एक रजिस्टर लाकर उस पर हस्ताक्षर करवाए। फिर दूधेश्वर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बन रहे होने की बात कहकर वहां बने मकान दिखाते हुए इन मकानों को देने की बात कही। कुछ दिनों के बाद इन मकानों की चाबियां भी दीपिका सहित इन चारों लोगों को दी गई। चाबियां मिलने के बाद जब इन मकानों का कब्जा लेने के लिए ये चारों पहुंचे तो पता चला कि यह मकान तो सफाई कर्मचारियों के लिए बनाए गए हैं और उनके नाम पर कोई मकान नहीं है।
यह सच्चाई सामने आने पर आरोपियों ने कहा कि मकान के कागजात आते ही दूधेश्वर के मकान में रहने वाले लोगों को खाली करा दिया जाएगा। इस दौरान ऑफिस जाने पर दीपिका व अन्य को पता चला कि उनके जैसे कई और लोग भी हैं जो ऐसे ही रुपए देने के बाद चक्कर काट रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों ने दस लाख रुपए तक जमा कराए हैं। ऐसे कुल १७ लोगों के पास से ये लोग ३६ लाख रुपए ले चुके हैं। सभी से बात कर इनके ठगी का भांडा फूटा और आखिरकार सभी ने एकजुट होकर थाने पहुंचकर आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।