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Lion Day : शेरों के संरक्षण-संवर्धन में स्थानीय लोगों का योगदान

locationअहमदाबादPublished: Aug 09, 2022 11:11:22 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

शेर दिवस आज
गिर और बृहद गिर के 30000 वर्ग किमी क्षेत्र में मुक्त रूप से घूमते हैं शेर
एशियाटिक लायन लैंडस्केप के तौर पर गिर की पहचान

Video Lion Day : शेरों के संरक्षण-संवर्धन में स्थानीय लोगों का योगदान

Video Lion Day : शेरों के संरक्षण-संवर्धन में स्थानीय लोगों का योगदान

जूनागढ़. एशियाई शेरों के संरक्षण और संवर्धन में जूनागढ़, सौराष्ट्र सहित गुजरात के स्थानीय लोगों का अमूल्य योगदान है। गिर और बृहद गिर के 30000 वर्ग किमी क्षेत्र में मुक्त रूप से शेर घूमते हैं। पूरे गिर क्षेत्र को एशियाटिक लायन लैंडस्केप के तौर पर पहचाना जाता है।
एशियाई शेर भारत के गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में अपनी प्राकृतिक अवस्था में घूमते पाए जाते हैं। गुजरात सरकार, वन विभाग और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास से धीरे-धीरे शेरों की जनसंख्या में वृद्धि हुई है। संख्या बढऩे के साथ शेर अपने पूर्व निवास स्थान को पुन: प्राप्त कर रहे हैं।
भारत में विश्व शेर दिवस का आयोजन 2016 से गुजरात के वन विभाग की ओर से शुरू किया गया। 2016 में 5.46 लाख, 2017 में 8.76 लाख, 2018 में 11.02 लाख, 2019 में 11.37 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण विश्व शेर दिवस का प्रत्यक्ष उत्सव मनाना संभव नहीं था। वर्चुअल तौर पर मनाए गए उत्सव में 2020 में 72.63 लाख और 2021 में 85.01 लाख लोग देश-विदेश से जुड़े।
सौराष्ट्र के 6500 स्कूल व कॉलेजों में आज मनाया जाएगा शेर दिवस

विश्व शेर दिवस पर बुधवार को मनाया जाने वाला उत्सव दुनिया में पाए जाने वाले शेरों के महत्व को दर्शाएगा। शेर जैविक, सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिस्थितिक रूप से महत्व की प्रजाति है। विश्व शेर दिवस पर सौराष्ट्र के 8 जिलों के 6500 स्कूलों व कॉलेजों में वन विभाग, शिक्षा विभाग और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयासों से बुधवार को विश्व शेर दिवस मनाया जाएगा। शेर संरक्षण और प्रजनन पर सैटकॉम के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के संदेश का सीधा प्रसारण होगा।
उसके बाद स्कूल परिसरों से शेर के मुखौटे पहनकर व बैनर लेकर शेरों के संरक्षण व संवर्धन संबंधी नारे लगाते हुए रैली निकाली जाएगी। रैली पूरी होने के बाद सभी स्कूल परिसरों में शेर पर बनी करीब 10 से 12 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षकों की ओर से शेर के बारे में जानकारी दी जाएगी और एशियाई शेर की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा ली जाएगी।

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