मरीजों का उपचार करने के दौरान सिविल अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ चिराग पटेल संक्रमण के सबसे संवेदनशील ट्रायेज क्षेत्र में कार्यरत रहते थे। उपचार करने के दौरान वे भी कोरोना की चपेट में आ गए। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। एक बार तो उन्होंने खुद जिंदगी की आस छोड़ दी थी, लेकिन साथी चिकित्सकों की मेहनत, मनोबल को बढ़ाने और टोसिलिजुमेब इंजेक्शन देने के चलते वे स्वस्थ्य हो गए और फिर से सेवा में जुट गए हैं।
सिविल अस्पताल के पल्मेनोलॉजी विभाग में ३० साल तक सेवा देने के बाद निवृत्त होने वाले डॉ राजेश सोलंकी कोरोना महामारी में एक बार फिर से सेवा में हाजिर हो गए। ओएसडी के रूप में ड्युूटी संभाली। दूसरी लहर में वे भी संक्रमण की चपेट में आए। उन्होंने संक्रमित रहते हुए खुद का उपचार कराने के दौरान भी टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों के उपचार का मार्गदर्शन दिया।