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कोरोना मरीजों का उपचार करते समय संक्रमित हुए ७२० स्वास्थ्यकर्मी, स्वस्थ् होकर फिर जुटे

locationअहमदाबादPublished: May 08, 2021 08:41:48 pm

corona, Ahmedabad, civil hospital, health workers, positive, beat corona, telemedicine -अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में निरंतर १३ महीनों से दे रहे हैं ड्यूटी, कोरोना होने के बाद भी टेलीमेडिसिन के जरिए किया उपचार

कोरोना मरीजों का उपचार करते समय संक्रमित हुए ७२० स्वास्थ्यकर्मी, स्वस्थ् होकर फिर जुटे

कोरोना मरीजों का उपचार करते समय संक्रमित हुए ७२० स्वास्थ्यकर्मी, स्वस्थ् होकर फिर जुटे

अहमदाबाद. कोरोना महामारी के इस दौर में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में उनकी दिन-रात चिकित्सा में लगे रहने वाले अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ७२० कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ गए। उपचार लिया, स्वस्थ्य हुए तो फिर से एक बार उसी जगह कोरोना मरीजों की सेवा में जुट गए जहां उन्हें पहले संक्रमण लगा था। इसमें से कुछ चिकित्सक तो जिंदगी मौत के बीच जंग लड़कर वापस लौटे। कईयों ने संक्रमित रहते हुए भी टेलीमेडिसिन के जरिए मार्गदर्शन दिया।
कोरोना महामारी शुरू होने पर १९ मार्च २०२० से अहमदाबाद सिविल में कोरोना का उपचार करना शुरू किया। १२०० बेड के अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर दिया गया, जहां सात अप्रेल २०२० से चिकित्सा शुरू की गई, तब से लेकर अब तक 13 महीनों यानि करीब ४०० दिनों से लगातार यहां ड्यूटी कर रहे चिकित्सक मरीजों की सेवा में जुटे हैं।
पीपीई किट पहनकर घंटों तक बिना पानी पिए मरीजों की देखरेख करने वाले इन चिकित्सकों को भी मालूम है कि उन्हें कोरोना का संक्रमण लग सकता है। बावजूद उसके वे मरीजों की देखभाल करते रहे और हजारों लोगों की जान बचाई। इस दौरान पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क पहनने के बावजूद भी ७२० सीनियर डॉक्टर, डॉक्टर, इन्टर्नस सहित के स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हुए। लेकिन इन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी। और कोरोना को मात दी।
वेंटिलेटर पर रहे, टोसिलिजुमेव लिया फिर बची जान
मरीजों का उपचार करने के दौरान सिविल अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ चिराग पटेल संक्रमण के सबसे संवेदनशील ट्रायेज क्षेत्र में कार्यरत रहते थे। उपचार करने के दौरान वे भी कोरोना की चपेट में आ गए। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। एक बार तो उन्होंने खुद जिंदगी की आस छोड़ दी थी, लेकिन साथी चिकित्सकों की मेहनत, मनोबल को बढ़ाने और टोसिलिजुमेब इंजेक्शन देने के चलते वे स्वस्थ्य हो गए और फिर से सेवा में जुट गए हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद भी सेवा में हाजिर
सिविल अस्पताल के पल्मेनोलॉजी विभाग में ३० साल तक सेवा देने के बाद निवृत्त होने वाले डॉ राजेश सोलंकी कोरोना महामारी में एक बार फिर से सेवा में हाजिर हो गए। ओएसडी के रूप में ड्युूटी संभाली। दूसरी लहर में वे भी संक्रमण की चपेट में आए। उन्होंने संक्रमित रहते हुए खुद का उपचार कराने के दौरान भी टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों के उपचार का मार्गदर्शन दिया।
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