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इंजेक्शन, दवा की कालाबाजारी पर गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल भी हुई सख्त

locationअहमदाबादPublished: May 02, 2021 08:26:20 pm

Corona, Gujarat, black marketing, medicine, injection, Gujarat State Pharmacy council, pharmacist, cancel इंजेक्शन, दवा की कालाबाजारी में पकड़े तो फार्मासिस्ट का लाइसेंस होगा रद्द, सार्वजनिक नोटिस जारी कर फार्मासिस्टों को चेताया
 

कालाबाजारी पर गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल भी हुई सख्त

कालाबाजारी पर गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल भी हुई सख्त

अहमदाबाद. गुजरात में कोरोना महामारी के दौर में इंजेक्शन, दवाईयों की कालाबाजारी की आ रही खबरों के बीच गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल भी सख्त हुई है।

काउंसिल के अध्यक्ष मोन्टू पटेल ने रविवार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा है कि दवाई, इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए सरकारी या निजी रजिस्टर फार्मासिस्ट के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उसका रजिस्ट्रेशन काउंसिल की ओर से रद्द किया जाएगा।
नोटिस में फार्मासिस्ट को चेताया गया है कि दवा, इंजेक्शन की कालाबाजारी, डुप्लीकेट दवा, इंजेक्शन की बिक्री करने, एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने, दवाई, इंजेक्शन को संग्रह करने के आरोप में यदि वे पकड़े जाते हैं। उस संदर्भ में या कालाबाजारी के मामले में काउंसिल को शिकायत मिलती है तो उसकी जांच करते हुए फार्मेसी एक्ट १९४८ और फार्मेसी प्रेक्टिस रेग्युलेशन एक्ट २०१५ के प्रावधानों के तहत रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
फार्मेसी एक्ट और रेग्युलेशन के तहत रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की यह जिम्मेदारी है कि किसी भी दवाई और इंजेक्शन की उसकी एमआरपी से ज्यादा कीमत न वसूली जाए। दवाई-इंजेक्शन का संग्रह न किया जाए। जब तक स्टॉक है तब तक दवाई और इंजेक्शन मरीज को दिए जाएं। यदि कोई फार्मेसी स्टोर, हॉल सेल दुकान का विक्रेता फार्मासिस्ट पर नियमों की अनदेखी करने का दबाव बनाता है तो वह इसकी शिकायत सरकार और गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल में कर सकता है।
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