सूत्रों का कहना है कि पहले इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस के कमजोर लक्षण वाले पेंशेट को कोरोना में सम्मिलित किया जाता था। इन पेशेंटों में अब छंटनी होने लगी है। कोरोना सेंटरों पर मरीजों की संख्या घटकर 105 रह गई हैं। कोरोना केस कम आने के साथ लोग लापरवाह दिखने लगे हैं। बाजारों में भीड़ बढ़ गई है, वहीं मास्क, सैनेटाइज और सोशल डिस्टेंस की धज्जियां भी उडऩे लगी हैं।