मई में संक्रमित मरीज मिलने के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा मास्क, सैनेटाइजर, सोशल डिस्टेंस के लिए व्यापक रूप से डंडा चलाए जाने के बाद कोरोना का ग्राफ बढ़ता रहा, वहीं 20 सितम्बर के बाद विभाग को अचानक कैसे कामयाबी मिल गई, यह बात लोगों के गले नहीं उतर रहा है। कामयाबी भी ऐसी की रातोरात अचानक मरीज घटकर 25 प्रतिशत से कम रह गए हैं। चालू माह के शुरुआत से 20 सितम्बर तक स्वास्थ्य विभाग यह मान रहा था कि संक्रमण तेजी पर है। रोजाना 15 से 20 केस आ रहे थे मगर 21 सितम्बर से अचानक केस घटकर 5 रह गए। 23 सितम्बर को आंकड़ा सिर्फ 3 मरीजों पर रूक गया।
सूत्रों का कहना है कि पहले इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस के कमजोर लक्षण वाले पेंशेट को कोरोना में सम्मिलित किया जाता था। इन पेशेंटों में अब छंटनी होने लगी है। कोरोना सेंटरों पर मरीजों की संख्या घटकर 105 रह गई हैं। कोरोना केस कम आने के साथ लोग लापरवाह दिखने लगे हैं। बाजारों में भीड़ बढ़ गई है, वहीं मास्क, सैनेटाइज और सोशल डिस्टेंस की धज्जियां भी उडऩे लगी हैं।