उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के हालातों को देखते हुए विभिन्न पदयात्रा, संघ, सेवा कैम्प के कई आयोजकों और गणपति महोत्सव (Ganpati mahotsav) मंडलों ने सार्वजनिक उत्सवों जैसे आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके मद्देनजर ही शोभायात्रा, मेला, पैदल यात्रा, ताजिया जुलूस, सेवा कैम्प, प्रतिमाओं के विसर्जन जैसे सार्वजनिक उत्सवों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
जाड़ेजा ने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नीतिन पटेल के नेतृत्व वाली हमारी सरकार की दीर्घदृष्टि और समय से उठाए गए कदमों से दूसरे राज्यों की तुलना में गुजरात में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में सफलता मिली है। इसमें भी अच्छा जनसहयोग मिला है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी समय में भी ऐसा सहयोग मिलता रहेगा तो निश्चित ही कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोका जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस माह में जन्माष्टमी, पर्यूुषण पर्व, श्रावण अमावस का मेला, तरणेतर का मेला, गणपति उत्सव, रामपीर का मेला, भादौ पूनम का मेला जैसे आयोजन होते हैं। ऐसे में पदयात्रा संघ, पदयात्रा मार्ग में लगने वाले सेवा शिविर, मोहर्रम और ताजिया जुलूस, शोभायात्रा और विसर्जन जैसे आस्था के प्रतीक त्योहार और लोकमेला लगते हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोरोना महामारी के हालात में लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे इसके लिए त्योहारों में सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम नहीं करें।
उन्होंने कहा कि गणपति महोत्सव में भी अपने घरों में गणपति की स्थापना करे और विसर्जन करें। ऐसे समय में सोशल डिस्टेसिंग भी बनाए रखें। इन त्योहारों में यदि आमजन का सहयोग मिलेगा तो निश्चित ही कोरोना संक्रमण घटेगा।
उन्होंने कहा कि गणपति महोत्सव में भी अपने घरों में गणपति की स्थापना करे और विसर्जन करें। ऐसे समय में सोशल डिस्टेसिंग भी बनाए रखें। इन त्योहारों में यदि आमजन का सहयोग मिलेगा तो निश्चित ही कोरोना संक्रमण घटेगा।