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‘ओ+’ ब्लड ग्रुप वालों के लिए खतरनाक रही कोरोना की दूसरी लहर

locationअहमदाबादPublished: May 24, 2021 03:45:22 pm

Corona, gtu, biosafety lab, survey, O+ blood group, positive, Ahmedabad, Second wave, जीटीयू की बायो सेफ्टी लैब के सर्वे में खुलासा, सबसे ज्यादा संक्रमित इसी ब्लड ग्रुप के, एबी नेगेटिव वाले सुरक्षित, २३६८ लोगों में से 1127 की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव

'ओ+' ब्लड ग्रुप वालों के लिए खतरनाक रही कोरोना की दूसरी लहर

‘ओ+’ ब्लड ग्रुप वालों के लिए खतरनाक रही कोरोना की दूसरी लहर

अहमदाबाद. कोरोना महामारी की दूसरी लहर पहली लहर से कई मायनों में अलग साबित हो रही है। ये तेजी से तो फैली है साथ ही इसमें पहले की रिपोर्टस से अलग नतीजे सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक तथ्य गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) की आईसीएमआर मान्यता प्राप्त बायो सेफ्टी लैब के कोरोना से जुड़े सर्वे में सामने आया है।
जीटीयू की ओर से 15 फरवरी से 15 मई के दौरान लैब में आरपीटीसीआर के लिए जांचे गए २३६८ लोगों के ब्लड सैंपल में से ११२७ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।
इन जांच सैंपल का विविध ब्लड ग्रुप पर आधारित सर्वे भी किया गया। जिसमें सामने आया कि कोरोना की दूसरी लहर में ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले ४०.३४ फीसदी व्यक्ति संक्रमित पाए गए, जबकि ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले ०.९२ फीसदी ही संक्रमित हुए। सबसे कम ०.४६ प्रतिशत संक्रमित एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले हुए। दूसरा सबसे ज्यादा संवेदनशील ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव रहा। कुल संक्रमितों में बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वालों की संख्या ३३.२८ फीसदी दर्ज की गई।
पॉजिटिव मिले लोगों में ए पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले १९.६३ फीसदी थे। एबी पॉजिटिव वाले ८.९३ प्रतिशत। पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले संक्रमण के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील पाए गए जबकि नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले इस लिहाज से काफी हद तक सुरक्षित रहे। क्योंकि ए नेगेटिव के ०.६१ प्रतिशत, ओ नेगेटिव के ०.९२ प्रतिशत और बी नेगेटिव के १.५३ जबकि एबी नेगेटिव के सबसे कम ०.४६ प्रतिशत लोग ही संक्रमित मिले।
आबादी ज्यादा, नयारूप भी हो सकता है वजह
जीटीयू बायोसेफ्टी लैब में सर्वे को करने वाले डॉ वैभव भट्ट ने बताया कि जांचे गए २३६९ सैंपल में से जो 11२७ पॉजिटिव मिले उनमें सर्वाधिक ४०.३४ फीसदी ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप और उसके बाद ३३.२८ फीसदी बी पॉजिटिव ्ब्लड ग्रुप वाले हैं। इसका एक कारण हो सकता है कि इन दोनों ही ब्लड ग्रुप वालों की भारत में सबसे ज्यादा आबादी है। इसके अलावा दूसरी लहर में कोरोना ने जो रूप बदला है वह भी वजह हो सकता है, लेकिन पुख्ता तौर पर इसे कहने के लिए और गहन अध्ययन की जरूरत है।
ये तथ्य भी आए हैं सामने
-महिलाओं (४३.५७ प्रतिशत) की तुलना में पुरुष (५६.४३ प्रतिशत) ज्यादा संक्रमित, सर्वे में १४०९ पुरुष, ९५९ महिलाएं थी शामिल।
-बुजुर्गों की तुलना में युवा ज्यादा संक्रमित, २१-४० आयुवर्ग के ४४.९९ फीसदी संक्रमित, ४१-६० में ३१.१४ फीसदी
-११५७ में से केवल ८ की मौत, ९९.२९ फीसदी हुए स्वस्थ
-कोरोना टीका लेने वाले ५३.३३ फीसदी संक्रमित होने से बचे, पॉजिटिव मिले ४६ फीसदी में भी सामान्य ही लक्षण
-९४.७५४ फीसदी ने घर में चिकित्सक की सलाह, मार्गदर्शन से दी मात
संक्रमण का ब्लड ग्रुप से भी है संबंध!
जीटीयू के कुलपति डॉ. नवीन शेठ ने बताया कि कोरोना संक्रमण का ब्लड ग्रुप से भी संबंध जानने को मिला है, क्योंकि कुल पॉजिटिव पाए गए मरीजों में ७३.६२ फीसदी मरीज ओ पॉजिटिव और बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले थे। ओ पॉजिटिव के सर्वाधिक ४०.३४ फीसदी और बी पॉजिटिव के ३३.२८ फीसदी मरीज संक्रमित पाए गए।
'ओ+' ब्लड ग्रुप वालों के लिए खतरनाक रही कोरोना की दूसरी लहर

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