जीटीयू बायोसेफ्टी लैब में सर्वे को करने वाले डॉ वैभव भट्ट ने बताया कि जांचे गए २३६९ सैंपल में से जो 11२७ पॉजिटिव मिले उनमें सर्वाधिक ४०.३४ फीसदी ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप और उसके बाद ३३.२८ फीसदी बी पॉजिटिव ्ब्लड ग्रुप वाले हैं। इसका एक कारण हो सकता है कि इन दोनों ही ब्लड ग्रुप वालों की भारत में सबसे ज्यादा आबादी है। इसके अलावा दूसरी लहर में कोरोना ने जो रूप बदला है वह भी वजह हो सकता है, लेकिन पुख्ता तौर पर इसे कहने के लिए और गहन अध्ययन की जरूरत है।
-महिलाओं (४३.५७ प्रतिशत) की तुलना में पुरुष (५६.४३ प्रतिशत) ज्यादा संक्रमित, सर्वे में १४०९ पुरुष, ९५९ महिलाएं थी शामिल।
-बुजुर्गों की तुलना में युवा ज्यादा संक्रमित, २१-४० आयुवर्ग के ४४.९९ फीसदी संक्रमित, ४१-६० में ३१.१४ फीसदी
-११५७ में से केवल ८ की मौत, ९९.२९ फीसदी हुए स्वस्थ
-कोरोना टीका लेने वाले ५३.३३ फीसदी संक्रमित होने से बचे, पॉजिटिव मिले ४६ फीसदी में भी सामान्य ही लक्षण
-९४.७५४ फीसदी ने घर में चिकित्सक की सलाह, मार्गदर्शन से दी मात
जीटीयू के कुलपति डॉ. नवीन शेठ ने बताया कि कोरोना संक्रमण का ब्लड ग्रुप से भी संबंध जानने को मिला है, क्योंकि कुल पॉजिटिव पाए गए मरीजों में ७३.६२ फीसदी मरीज ओ पॉजिटिव और बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले थे। ओ पॉजिटिव के सर्वाधिक ४०.३४ फीसदी और बी पॉजिटिव के ३३.२८ फीसदी मरीज संक्रमित पाए गए।