जीटीयू ने कोरोना टीका अनिवार्य करने के निर्णय के क्रियान्वयन का खाका भी तैयार कर लिया है। जिसके तहत विद्यार्थी के विंटर परीक्षा के लिए फॉर्म भरे जाएंगे तब कॉलेज प्राचार्य की ओर से विद्यार्थी की हाजिरी का ब्यौरा यूनिवर्सिटी को सौंपा भेजा जाता है। उसी समय हाजिरी के साथ विद्यार्थी के कोरोना टीका लेने का सर्टिफिकेट भी भेजना होगा।
जीटीयू के इस निर्णय से बीई, बीफार्म, डीफार्म कोर्स के प्रथम वर्ष में पढऩे वाले और डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स में पढऩे वाले विद्यार्थियों् को छूट मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की आयु 18 साल की नहीं होती है। 12वीं कक्षा के बाद वह सीधे प्रवेश लेते हैं। ऐसा ही डिप्लोमा इंजीनियरिंग के मामले में है। क्योंकि डिप्लोमा कोर्स 10वीं कक्षा के बाद शुरू होता है। जिससे 18 साल आयु पूरी नहीं होने के चलते इन विद्यार्थियों को इससे राहत मिलेगी।
कोरोना संक्रमण से विद्यार्थियों को सुरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय ने यह निर्णय किया है। शीतकालीन परीक्षा का फॉर्म भरने और परीक्षा में बैठने के लिए १८ साल व उससे अधिक आयु के प्रत्येक विद्यार्थी का कोरोना का टीका लगवाना अनिवार्य है। इसके लिए विद्यार्थी के पास करीब छह महीने का समय होगा। क्योंकि शीतकालीन परीक्षाएं नवंबर २०२१ में होंगी। इस निर्णय से जीटीयू के साढ़े चार लाख्र में से तीन लाख विद्यार्थियों का टीकाकरण हो जाएगा। प्रथम वर्ष और डिप्लोमा के विद्यार्थियों की आयु १८ साल पूरी नहीं होने के चलते उन्हें इससे छूट रहेगी।
-डॉ. नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू