खंडपीठ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब दुनिया भर में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर चल रही थी और गुजरात में केस कम होने लगे थे तब राज्य सरकार ने कोविड अस्पताल और टेस्टिंग बढ़ाने सहित इससे जुड़े पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया। इस वर्ष जनवरी और फरवरी तक स्थिति सुधरती दिख रही थी। तब उस दौरान राज्य सरकार को और ज्यादा कुछ करने की जरूरत है। तब ढाई सौ से 300-350 नए मामले सामने आ रहे थे लेकिन मार्च महीने के मध्य से यह संख्या 400, 500, 700 से लेकर लगातार बढ़ती गई। अब यह संख्या 7410 तक पहुंच चुकी है वहीं मृतकों की संख्या भी 73 तक आ चुकी है।