हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि इस इंजेक्शन को लेकर बेकार में हाय तौबा मचाई जा रही है। इसे चिकित्सक प्रिसक्राइब कर रहे हैं जबकि यह लाइव सेविंग ड्रग नहीं है और यह ड्रग की परिभाषा में भी नहीं आता है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि इंजेक्शन की सुविधा के बारे में व्यवस्था एक सप्ताह में कर दी जाएगी, इस पर खंडपीठ ने कि इसे जल्द किया जाना चाहिए।