युवाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में सांस के साथ नमी नहीं आने के कारण नमी जनित अन्य रोग या म्यूकोरमाइकोसिस जैसे रोग होने की संभावना न्यूनतम है।
वीरडिय़ा ने कहा कि इस मशीन के प्रायोगिक नतीजे काफी उत्साह जनक रहे हैं। अब रशियन मानक के अनुसार इसका परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जरूरी अनुमतियां हासिल करने के लिए कोशिश की जा रही है। उसके बाद ही फाइनल प्रोडक्ट को ट्रायल रन के लिए डॉक्टरों को दिया जाएगा।