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राजकोट के युवाओं ने बनाया पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

locationअहमदाबादPublished: May 29, 2021 09:13:47 pm

corona, Gujarat, portable oxygen concentrator, rajkot youth, CM Vijay rupani, प्रति मिनट 10 लीटर क्षमता वाले इस कंसंट्रेटर से एक साथ दो मरीजों को दी जा सकेगी ऑक्सीजन, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के समक्ष किया प्रोडक्ट का प्रदर्शन

राजकोट के युवाओं ने बनाया स्वदेशी पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

राजकोट के युवाओं ने बनाया स्वदेशी पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

अहमदाबाद. कोरोना महामारी के दौर में कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों की सांसों को बरकरार रखने के लिए राजकोट के युवा उद्यमियों ने प्रायोगिक आधार पर एक स्वदेशी पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाया है। उद्देश्य ऑक्सीजन की जरूरत को स्थानीय स्तर पर ही पूरा करना है।
फेरबी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के युवा इंजीनियरों ने शुक्रवार को गांधीनगर में इस स्वदेशी पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के समक्ष प्रदर्शन किया।
रूपाणी ने युवाओं को इस पहल के लिए बधाई दी। प्रोत्साहन देते हुए कहा कि राजकोट के युवाओं की यह पहल आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन गुजरात की परिकल्पना को साकार करेगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष इस पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रदर्शन करते हुए इसे बनाने वाले मुकेश वीरडिय़ा ने कहा कि 10 लीटर प्रति मिनट की ऑक्सीजन प्रवाह क्षमता वाली यह मशीन प्लग एंड प्ले (पोर्टेबल) है। दो फ्लो यानी प्रवाह वाली इस मशीन के जरिए एक साथ दो मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस पोर्टेबल स्वदेशी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रदर्शन देखने के बाद युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जरूरी अनुमोदन हासिल करने में राज्य सरकार उनका मार्गदर्शन करेगी।
इस पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रदर्शन राजकोट महानगर पालिका के वार्ड-6 के पार्षद बिपीन बेरा के साथ मुकेश वीरडिय़ा, राजेन्द्रभाई, गोविंदभाई मालिया और उमेशभाई ने मुख्यमंत्री के समक्ष किया।
ब्लैग फंगस की संभावना भी नहिवत!
युवाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में सांस के साथ नमी नहीं आने के कारण नमी जनित अन्य रोग या म्यूकोरमाइकोसिस जैसे रोग होने की संभावना न्यूनतम है।
प्रायोगिक नतीजे उत्साहजनक
वीरडिय़ा ने कहा कि इस मशीन के प्रायोगिक नतीजे काफी उत्साह जनक रहे हैं। अब रशियन मानक के अनुसार इसका परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जरूरी अनुमतियां हासिल करने के लिए कोशिश की जा रही है। उसके बाद ही फाइनल प्रोडक्ट को ट्रायल रन के लिए डॉक्टरों को दिया जाएगा।
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