नेगेटिव रिपोर्ट के बावजूद कोरोना संक्रमण संभव रेपिड एंटीजन टेस्ट में 40 प्रतिशत के आस-पास कोरोना हो तो भी रिपोर्ट नेगेटिव आने की संभावना रहती है। आरटी-पीसीआर टेस्ट में भी 25-25 प्रतिशत कोरोना हो तो भी रिपोर्ट नेगेटिव आने की संभावना रहती है। शरीर में कोरोना के जंतु होने के बाद भी वो मल्टीप्लाई नहीं होने पर रोग पैदा नहीं करते, शरीर में जब जंतु प्रवेश करते हैं, रोग पैदा होता है। इसके बावजूद इन्क्युबेशन पीरियड में किसी भी मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने की संभावना रहती है।
लक्षण होने के बाद भी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर पांच-सात दिन के बाद दुबारा आरटी-पीसीआर जांच करवानी चाहिए। इसके बावजूद रिपोर्ट नेगेटिव आए लेकिन लक्षण दिखाई दें तो सीटी स्केन करवाना चाहिए। वह भी आरटी-पीसीआर के समान उपयोगी इंडीकेशान है। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी कोरोना संक्रमण होने की संभावना रहती है इसलिए रोगी की कंप्लेन बहुत महत्व रखती है। चिकित्सक सबसे पहले रोगी की कंप्लेन देखते हैं, रक्त जांच की रिपोर्ट, रेपिड एंटीजन व आारटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट और सीटी स्केन की रिपोर्ट देखकर सब को मिलाकर चिकित्सक कौनसी व कितने समय तक तदवाई देने के नतीजे पर पहुंचते हैं।
लक्षण होने के बाद भी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर पांच-सात दिन के बाद दुबारा आरटी-पीसीआर जांच करवानी चाहिए। इसके बावजूद रिपोर्ट नेगेटिव आए लेकिन लक्षण दिखाई दें तो सीटी स्केन करवाना चाहिए। वह भी आरटी-पीसीआर के समान उपयोगी इंडीकेशान है। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी कोरोना संक्रमण होने की संभावना रहती है इसलिए रोगी की कंप्लेन बहुत महत्व रखती है। चिकित्सक सबसे पहले रोगी की कंप्लेन देखते हैं, रक्त जांच की रिपोर्ट, रेपिड एंटीजन व आारटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट और सीटी स्केन की रिपोर्ट देखकर सब को मिलाकर चिकित्सक कौनसी व कितने समय तक तदवाई देने के नतीजे पर पहुंचते हैं।