लॉकडाउन के कारण, कई गरीब घर, जो ज्यादातर दैनिक मजदूरी पर निर्भर थे, वे सब आय और राशन से वंचित थे।
आईआईएमए की टीम ने इन समुदाय की मदद करने के लिए समर्पण के साथ काम किया। इस राहत कार्य का लक्ष्य सरकार और अन्य सिविल सोसाइटी के नजरों से जो अनछुए रह जाने वाले लोगों तक पहुंचना था।
टीम ने गरीब घरों का सर्वेक्षण किया। इन सर्वेक्षण के आधार पर, परिवारों को तात्कालिकता की आवश्यकता के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया था। सर्वेक्षण ने यह भी संकेत दिया कि लगभग 85 फीसदी घरों में नियमित आय नहीं हो रही थी, लगभग 54 फीसदी परिवारों ने प्रति दिन खाए जाने वाले भोजन की संख्या कम कर दी थी और कई लोगों को पीडीएस के माध्यम से राशन की खरीद में कठिनाइयाँ हुईं। सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों से घरों में आने वाली विशिष्ट समस्याओं और घरों की संख्या और स्थान की पहचान करने में मदद मिली, जिन्हें सबसे ज्यादा मदद की जरूरत थी। और इसी का उपयोग राहत कार्य की योजना बनाने के लिए किया गया था।