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कोरोना की हताशा से उबारने को अहमदाबाद ग्राम्य पुलिस ने छेड़ा ‘प्रोजेक्ट संवाद’

locationअहमदाबादPublished: May 01, 2021 09:15:00 pm

Corona, mental fitness, ahmedabad rural police, project samvad, helpline, senior citizen -जिले में रहने वाले १५ सौ बुजुर्गों की भी ली जा रही है सुध, मनोचिकित्सकों के जरिए मरीजों की मदद

कोरोना की हताशा से उबारने को अहमदाबाद ग्राम्य पुलिस ने छेड़ा 'प्रोजेक्ट संवाद'

कोरोना की हताशा से उबारने को अहमदाबाद ग्राम्य पुलिस ने छेड़ा ‘प्रोजेक्ट संवाद’

अहमदाबाद. कोरोना महामारी शारीरिक रूप से तो कोरोना मरीजों को कमजोर करती ही है। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग मानसिक रूप से भी टूट रहे हैं। हताश, निराश हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें हताशा से उबारने के लिए अहमदाबाद ग्राम्य पुलिस ने ‘प्रोजेक्ट संवाद’ शुरू किया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत जिला पुलिस ने एक हेल्पलाइन शुरू की है। हेल्पलाइन नंबर ७५६७६७६६८८ पर आप मनोचिकित्सकों से उचित सलाह ले सकते हैं, ताकि आपका कोरोना से लडऩे का मनोबल मजबूत हो सके।
जिला पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव की ओर से इस प्रोजेक्ट का गुरुवार से एसपी कार्यालय में शुभारंभ कराया गया है। उन्होंने मनोविज्ञान विषय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने वाले एवं क्लीनिकल सायकलॉजी में डिप्लोमा किए व्यक्तियों को काउंसलर नियुक्त किया है। दो प्रकार से काउंसलिंग की जा रही है। पहले स्तर पर मनोविज्ञान एवं क्लानिकल सायकलॉजी विषय से डिप्लोमा या डिग्री करने वाले युवाओं के जरिए काउंसिलिंग दी जा रही है। जरूरत पडऩे पर उच्च स्तर की काउंसिलिंग देने के लिए कॉलेज के मनोविज्ञान विषय के प्राध्यापक एवं मनोचिकित्सकों की भी मदद ली जा रही है।
ये परामर्शक जिले में कोरोना ग्रस्त हुए मरीजों के मोबाइल फोन नंबर पर खुद सामने से ही फोन करके उनका हालचाल पूछते हैं। यदि कोई मरीज अकेला है, तो उसे जीवन जरूरी वस्तुएं लाने में मदद की पेशकश भी करते हैं। काउंसलर के साथ एक पुलिस कर्मचारी भी मौजूद रहता है, जो मरीज के इलाके का पता करके संबंधित थाने के अधिकारी को सूचना देकर मदद पहुंचाता है, जिसमें दवाई लाना, सब्जी व दैनिक जरूरत की वस्तुएं लाना शामिल हैं। इसके अलावा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर यदि सामने से फोन आता है तो उसकी भी काउंसिलिंग की जाएगी।
जिला पुलिस की ओर से जिले में अकेले रहने वाले पंजीकृत १५ सौ के करीब बुजुर्ग लोगों, बुजुर्ग दंपत्ति का भी ध्यान रखा जा रहा है। उनसे भी नियमित तौर पर हर दिन १५-२० बुजुर्गों को फोन करके उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा जा रहा है। उन्हें जरूरत हो तो उनकी मदद भी की जा रही है। जिले में सबसे ज्यादा अकेले रहने वाले बुजुर्गों की संख्या बोपल एवं साणंद थाना इलाकों में है। बोपल में करीब २५०-३०० के करीब बुजुर्ग हंै।
मरीज को खुद करते हैं फोन,पहले दिन 100 से की बात
कोरोना के चलते मरीज घर के कमरे में अकेला हो जाता है। ऐसे में उसकी मनोदशा भी बिगड़ती है। अवसाद घेरने लगता है। इससे वह उबर सके इसलिए प्रोजेक्ट संवाद शुरू किया है। सुबह 10 से रात नौ बजे तक काउंसर खुद कोरोना मरीज को फोन करता है। उसकी काउंसिलिंग करता है, जरूरत पडऩे पर मनोचिकित्सकों से भी बात कराता है। पहले ही दिन 100 मरीजों से बात की गई। बुजुर्गों की भी नियमित सुध ले रहे हैं। चाहे वे संक्रमित हुए हैं या नहीं। उन्हें जीवन जरूरी वस्तुएं लाने में भी मदद की जा रही है। उद्देश्य विपदा की इस घड़ी में कोरोना मरीजों-बुजुर्गों की मदद करना है।
-वीरेन्द्र सिंह यादव, पुुलिस अधीक्षक, अहमदाबाद ग्राम्य
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