उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग (deparment) के विशेषज्ञ चिकित्सक वैक्सीन से संबंधित सभी प्रकार के प्रशिक्षण देने के लिए सोला सिविल अस्पताल आएंगे। विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में ही वैक्सीन के लिए कमेटी बनेगी और अन्य चिकित्सकों को भी प्रशिक्षण देकर सभी चुनौतियों और मानदंडों से सुसज्जित किया जाएगा। वैक्सीन के लिए ट्रायल के लिए स्वयंसेवकों को माह में वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे। एक डोज देने के बाद उनकी लगातार निगरानी की जाएगी। वैक्सीन के चलते उनके शरीर में कोई बदलाव या उसका असर हो तो उसकी निगरानी की जाएगी। वैक्सीन से शरीर में होने वाले नुकसान या फायदे को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक निगरानी रखेंगे। एक वर्ष तक देश के अलग-अलग राज्यों में इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों, पूर्णत: स्वच्छ बुजुर्ग, स्वयंसेवक, स्वास्थ्यकर्मियों पर वैक्सीन का ट्रायल कर परिणामों की जांच की जाएगी।