कोरोना के संकट के समय राजकोट की कंपनी ने सिर्फ 10 दिनों में बनाया वेंटिलेटर, कीमत एक लाख से भी कम
राजकोट/गांधीनगर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया के लिए अत्यंत जरूरी वेंटिलेटर की भारी वैश्विक मांग की पूर्ति के लिए गुजरात ने अनोखी गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। वेंटिलेटर की मांग की तुलना में भारी कमी के मद्देनजर राजकोट की कंपनी का यह प्रयास कोरोना पीडि़तों सहित सभी के लिए आशा की किरण के समान है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पैतृक शहर राजकोट की एक निजी उत्पादन कंपनी की ओर से सिर्फ 10 दिनों में ही वेंटिलेटर तैयार किया गया। इसे धमण-1 नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शनिवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल परिसर स्थित कोविड अस्पताल में इस वेंंटिलेटर की सफलता का निरीक्षण किया। वेंटिलेटर ऐसी मशीन होती है जो किसी मरीज को सांस लेने में मदद करती है। इसलिए वेंटिलेटर को लाइफ सेविंग मशीन भी कहा जाता है।
रूपाणी ने धमण-1 वेंटिलेटर का निरीक्षण करने के बाद कहा कि मौजूदा हालात में कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों के उपचार के लिए जरूरी वेंटिलेटर की मांग दुनियाभर में बढ़ गई है और इसकी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता को लेकर हर कोई चिंतित है। अनेक स्थानों पर वेंटिलेटर, प्रोटेक्शन किट और एन 95 मास्क आदि की जबरदस्त तंगी महसूस की जा रही है। ऐसे में गुजरात ने जनस्वास्थ्य रक्षा की दिशा में एक नई उपलब्धि हासिल की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में राजकोट की निजी कंपनी ज्योति सीएनसी ने सिर्फ 10 दिनों की अल्पावधि में एक लाख रुपए से कम कीमत के वेंटिलेटर का निर्माण किया है।