कोरोना वॉरियर्स ही नहीं कोविड को मात भी दी
अहमदाबादPublished: Nov 29, 2020 09:53:08 pm
कोरोना का दंश झेल चुके चिकित्सकों की सलाह, सावधानी जरूरीडरावने माहौल में हुआ था संक्रमण ने बढ़ा दी थी चिन्ता
Dr. Devang Gupta, File photo
अहमदाबाद. गुजरात में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों चिकित्सक व अन्य चिकित्सा कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कई की जान भी चली गई। ज्यादातर चिकित्सा कर्मी इसका संक्रमण झेलने के बाद पुन: मरीजों की सेंवा में जुटे हैं। हालांकि ऐसे सभी चिकित्सक खुद और मरीजों की सेफ्टी के लिए सतर्कता बरतते दिखाई देते हैं।
एशिया के सबसे बड़े अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल के कान, नाक एवं गला (ईएटी) विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवांग गुप्ता की गत जुलाई माह मेें तबीयत खराब होने पर उनकी कोरोना की जांच की गई। उस दौरान जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें काफी धक्का लगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिन्ता तो यह थी कि इस महामारी के बीच वे मरीजों की सेवा से दूर चले गए। 14 दिन तक घर पर होम आईसोलेशन में रहने के बाद 15वें दिन फिर से उन्होंने मरीजों की सेवा शुरू कर दी थी। हालांकि इन 14 दिनों में उन्हें काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। संक्रमण न लगे इस उद्देश्य से उन्होंने बच्चों को रिश्तेदारों के यहां वडोदरा भेज दिया था। सबसे ज्यादा चिन्ता उन्हें तब हुई जब उनकी पत्नी डॉ. सपना गुप्ता को उस समय बुखार हो गया था। संदेह हुआ था कहीं उन्हें संक्रमण तो नहीं लगा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोरोना का टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, जो बड़ी राहत से कम नहीं थी। डॉ. देवांग गुप्ता का कहना है कि किसी मरीज से उन्हें वायरस लगा होगा। जब वे 14 दिन होम आईसोलेशन में रहे तब उन्हें पांच-छह बार रिपोर्ट कराने की जरूरत हुई थी। अस्पताल में पुन: लौटने के बाद अब तक वे लगभग 70 मरीजों के ऑपरेशन कर चुके हैं। इन मरीजों में से छह की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ चुकी है। अब डॉ. गुप्ता एन-95 मास्क के ऊपर सर्जीकल मास्क भी पहनते हैं। साथ ही अन्य गाइडलाइन का भी पालन करते हैं। उनका कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है यदि वे गाइडलाइन का ठीक ढंग से पालन करते हैं। कोरोना के संक्रमण के दौरान उन्हें स्टॉराइड तक की जरूरत पड़ी थी। लगातार आठ दिनों तक बुखार के कारण उन्हें काफी परेशानी भी हुई। फिलहाल उनकी सलाह है कि लोगों को डरने से कहीं ज्यादा मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की ज्यादा जरूरत है।