कोरोना महामारी को मानव जाति के समक्ष आने वाले संकट का हवाला देते हुए खंडपीठ ने यह भी अवलोकन किया कि फिलहाल के संकट की स्थिति में एक होने का समय है, झगड़ा करने का नहीं। कोरोनो का संकट मानवता के समक्ष संकट है। इसलिए इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।
कोरोना की अनिश्चितता से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। तब सरकार को नीति से जुड़े उचित निर्णय लेना चाहिए। सरकार इस मामले में गंभीर है और अब सजग, सचेत व सक्रिय रहने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने कहा कि वे सरकार के अच्छे कामकाज की प्रशंसा करेंगे लेकिन लापरवाही और गैर जिम्मेवारी पर जरूर चेताएंगे। इस अभूतपूर्व परिस्थिति में विपक्ष की भूमिका भी इतनी ही अहम है। सरकार को जवाबदेह बनाने की भूमिका विपक्ष की है, लेकिन फिलहाल टिप्पणी की बजाय मदद का हाथ ज्यादा मददगार साबित होगा।