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Coronavirus: रेसिडेन्ट डॉक्टर के मुद्दे पर सरकार गठित करे समिति, पत्र को नहीं करना चाहिए नजरंदाज

locationअहमदाबादPublished: May 26, 2020 10:56:24 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

Coronavirus, Gujarat high court, Civl hospital, Ahmedabad

Coronavirus: रेसिडेन्ट डॉक्टर के मुद्दे पर सरकार गठित करे समिति, पत्र को नहीं करना चाहिए नजरंदाज

Coronavirus: रेसिडेन्ट डॉक्टर के मुद्दे पर सरकार गठित करे समिति, पत्र को नहीं करना चाहिए नजरंदाज

अहमदाबाद. कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर राज्य सरकार और अहमदाबाद सिविल अस्पताल पर टिप्पणी करने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि इस याचिका का सबसे परेशानी वाला मुद्दा रेसिडेंट डॉक्टर का पत्र है जिसमें सिविल अस्पताल के बारे में सभी तरह की समस्याओं का हवाला दिया गया है। हालांकि राज्य सरकार का यह कहना है कि रेसिडेन्ट डॉक्टर के पत्र में कोई तथ्य नहीं है। इसके बावजूद हाईकोर्ट का मानना है कि इस पत्र को पूरी तरह नंजरंदाज नहीं करना चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी और लोक अभियोजक मनीषा लव कुमार ने दलील दी कि हाईकोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी से आम लोगों के दिमाग में सिविल अस्पताल को लेकर गलत बातें अंकित होंगी। दोनों ने यह भी कहा कि पत्र में कोई तथ्य नहीं है। हाईकोर्ट के मुताबिक रेसिडेन्ट डॉक्टर के पत्र के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को एक समिति गठित करनी चाहिए। यह समिति पूरी तरह निष्पक्ष हो जिसमें कोई भी सदस्य सरकारी अधिकारी नहीं हो और किसी भी रूप से सिविल अस्पताल से जुड़ा हुआ नहीं हो।
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