अपील का मौका भी नहीं दिया जाना चाहिए : अल्पेश शाह अहमदाबाद. अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पर अमल की तारीख घोषित की जानी चाहिए। इतने वर्षों तक इंतजार के बाद विशेष कोर्ट ने फैसला सुनाया है, इस पर अपील का मौका नहीं दिया जाना चाहिए। तभी सरकारी वकीलों और जांच करने वाले पुलिस स्टाफ की मेहनत का फल मिलेगा।
यह कहना है अहमदाबाद बम धमाकों में अपने भाई चिराग शाह को गंवाने वाले उनके चचेरेभाई अल्पेश शाह का। देश के इतिहास में एक साथ इतनी संख्या में यानी 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, उन सभी दोषियोंं को दिल्ली के रामलीला मैदान पर सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जानी चाहिए। तभी देशद्रोहियों को सजा पाते देख अन्य कोई व्यक्ति ऐसे जघन्य अपराध करने से डरेंगे। ऐसे दोषियों को सजा सुनाने वाले विशेष जज को भारत रत्न का सम्मान दिया जाना चाहिए।
यह कहना है अहमदाबाद बम धमाकों में अपने भाई चिराग शाह को गंवाने वाले उनके चचेरेभाई अल्पेश शाह का। देश के इतिहास में एक साथ इतनी संख्या में यानी 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, उन सभी दोषियोंं को दिल्ली के रामलीला मैदान पर सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जानी चाहिए। तभी देशद्रोहियों को सजा पाते देख अन्य कोई व्यक्ति ऐसे जघन्य अपराध करने से डरेंगे। ऐसे दोषियों को सजा सुनाने वाले विशेष जज को भारत रत्न का सम्मान दिया जाना चाहिए।