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Ahmedabad : अस्पताल के कर्मचारियों परिजनों की अनुपस्थिति में धार्मिक परंपरा से किया अंतिम संस्कार

locationअहमदाबादPublished: May 23, 2020 10:39:13 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

कोरोना की चपेट में होने से परिवार के सदस्य नहीं ले सके अंत्येष्टि में भाग
 

Ahmedabad : अस्पताल के कर्मचारियों  परिजनों की अनुपस्थिति में धार्मिक परंपरा से किया अंतिम संस्कार

Ahmedabad : अस्पताल के कर्मचारियों परिजनों की अनुपस्थिति में धार्मिक परंपरा से किया अंतिम संस्कार

अहमदाबाद. कोरोना वायरस के इस काल में अनेक परिवार अपनों से दूर हो गए हैं। वजह चाहे कोरोना का संक्रमण हो या फिर लॉक डाउन। अहमदाबाद शहर का एक परिवार भी कोरोना से उत्पन्न हालातों को शायद ही कभी भुला पाए। परिवार के कुछ सदस्य जहां कोरोना के संक्रमण के कारण उपचाराधीन हैं वहीं कुछ को क्वारेंटाइन होना पड़ा। स्थिति तो तब ज्यादा खराब हो गई जब परिवार के 87 वर्ष के उपचाराधीन बुजुर्ग की किडनी अस्पताल में मौत हो गई और उनके अंतिम संस्कार के लिए कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। उस दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने धार्मिक परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
अहमदाबाद शहर में रहने वाले वाडीलाल गांधी (87) का पिछले दिनों उपचार के दौरान किडनी अस्पताल में निधन हो गया। बुजर्ग के शव को लेने के लिए कोई नहीं आया तो अस्पताल प्रशासन ने इस संबंध में परिजनों से संपर्क के प्रयास किए। रात को बुजुर्ग के कुछ दूर के रिश्तेदार अस्पताल में आए भी थे लेकिन उन्होंने अस्पताल के समक्ष शर्त रख दी कि यदि कोरोना के टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आएगी तो वे शव को ले जाकर अंतिम संस्कार कर देंगे। उस दौरान अस्पताल ने प्रयास किया तो मृतक के पुत्र किरीटभाई गांधी का फोन से संपर्क हो गया। किरीटभाई ने अस्पताल प्रशासन को बताया कि पूरा परिवार कोरोना की चपेट में है। अधिकांश सदस्य सिविल अस्पताल के 1200 बेड कोविड अस्पताल में उपचार ले रहे हैं, तो कुछ को क्वारेंटाइन होना पड़ा है। फिलहाल वे अपने पिता का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं। इसके बाद परिवार ने अस्पताल प्रशासन को लिखित में बुजुर्ग के अंतिम संस्कार की मंजूरी दी थी। उस दौरान अस्पताल में कार्यरत प्रवीणसिंह दरबार, परेशभाई सोलंकी व अन्य तीन कर्मचारी शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
धामिर्क परंपरा से किया अंतिम संस्कार
किडनी अस्पताल के इन पांचों कर्मचारियों ने सामाजिक रीतिरिवाजों से बुजुर्ग गांधी का अंतिम संस्कार किया। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों ने स्व. गांधी के अस्थि एवं फूल भी कलश में एकत्र किए। अस्पताल के कर्मचारी न सिर्फ अस्पतालों में योद्धाओं का काम कर रहे हैं बल्कि अंतिम संस्कार भी किया है।
डॉ. विनीत मिश्रा, निदेशक किडनी अस्पताल
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