मास्क नहीं पहनने वालों पर गुजरात हाईकोर्ट की टिप्पणी...
Covid 19, without mask, covid care center, service, Gujarat high court

अहमदाबाद. अहमदाबाद में मास्क के बिना घर से बाहर निकलने वाले लोगों से अर्थदंड वसूलने के साथ-साथ उन्हें कोविड सेंटरों में कोरोना मरीजों की सेवा कराने की मांग उठी है। इसे लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश जे.बी.पारडीवाला की खंडपीठ भी सकारात्मक दिखी।
खंडपीठ ने इस मांग पर सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने मास्क के बिना घर से बाहर निकलने वाले लोगों के मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को कानून का डर बताना जरूरी है। ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों को कोविड सेंटरों में सेवा के लिए भेजने का दंड किया जाए तो वे जिंदगी भर मास्क पहनना नहीं भूलेंगे।
खंडपीठ ने कहा कि उनका मानना है कि 'मास्क के बिना पकड़े जाने वाले लोगों को दंड वसूलने के बाद छोड़ देने की जगह उनके दंड वसूलने के साथ कोविड केयर सेंटर में नोन मेडिकल सर्विस करने के लिए १०-१५ दिन भेजना चाहिए।ज् यदि ऐसा कड़ा नियम लाया जाता है तो लोग मास्क पहनने के नियम की पालना करेंगे। इससे कोरोना संक्रमण को काबू में करने में मदद मिलेगी।
खंडपीठ ने यह टिप्पणी संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान की। इस दौरान वकील विशाल अवताणी ने याचिका दायर कर मांग की कि मास्क नहीं पहनने वाले लोगों से दो हजार रुपए का अर्थदंड वसूल किया जाए साथ ही उनसे कोविड केयर सेंटरों में कम्युनिटी सर्विस करवाई जाए। खंडपीठ याचिका में की गई इस मांग पर सकारात्मक और सहमत नजर आई।
खंडपीठ ने टिप्पणी की कि लोगों ने दीपावली के दौरान मास्क पहनने के नियमों की पालना नहीं की इसी वजह से दीपावली के बाद कोरोना की स्थिति विकट हो चली है। मास्क पहनने के नियम की कड़ाई से पालना नहीं करा पाने को लेकर खंडपीठ ने गुजरात सरकार की भी खिंचाई की।
न्यायाधीश जेबी पारडीवाला ने अखबारों की रिपोर्ट को विचलित करने वाला बताते हुए कहा कि मास्क के बिना पकड़े गए १०० लोगों में से ४७ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इनमें कोई लक्षण नहीं होने के समाचार हैं। ऐसा एक व्यक्ति २०० लोगों को संक्रमित कर सकता है। इससे मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को कोविड केयर सेंटर में सेवा के लिए भेजने की मांग को ध्यान में लेने जैसा है।
इस मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि मास्क के बिना पकडऩे जाने वाले लोगों को कोविड केयर सेंटर में सेवा के लिए भेजने को लेकर सरकार का क्या मानना है। इस मामले में सरकार जवाब पेश करे।
राजकीय सभा नहीं होगी: सरकार
खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि बीते सप्ताह वीकेंड कफ्र्यू लगाया गया था। इस सप्ताह भी ऐसा कोई विचार है। इस पर सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने स्पष्ट जवाब तो नहीं दिया लेकिन कहा कि होडिलेज के लिए विचार किया जाएगा, लेकिन इतना स्पष्ट है कि राजकीय सभाएं नहीं होंगी। उन्होंने खंडपीठ को राज्य में कोविड१९ के लिए बेड बढ़ाने, रात्रि कफ्र्यू लगाने, विवाह और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या तय करने के निर्णय की जानकारी दी।
अब पाइए अपने शहर ( Ahmedabad News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज