जानकारी के अनुसार पशुपालन व्यवसाय में शोध कर रही एक युवती ने गाय और भैंसों के दूध नहीं देने पर पशुपालकों के मवेशियों को प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन का इंजेक्शन लगाए जाने की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक को दी थी। इस पर पुलिस, ड्रग इंस्पेक्टर एवं पशुपालन अधिकारी ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ऑक्सीटॉसिन की 100 मिलीलीटर की पांच बोतलों को जब्त किया। बनासकांठा जिले की पालनपुर तहसील पुलिस थाने में देहरादून की रुबीना नितिन अय्यर और महाराजगंज जिले की निवासी सुरभि त्रिपाठी ने चणोतर के माकड़ोजिया निवासी इमरान अब्दुल रहमान माकडोजिया, खोड़ला निवासी जेसुंग जुडाल, अशोक जेशुंग जुडाल और प्रकाश जेशुंग जुडाल के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है।
इस संदर्भ में शोध करने आई युवतियों का कहना है कि पशुओं के तबेले के बारे में जानने के लिए वे गुजरात के बनासकांठा जिले में आई है। लेकिन यहां पर भैंसों को ऑक्सीटॉसिन का इंजेक्शन लगाते हुए देखकर बहुत आश्चर्य हुआ। इस मामले की शिकायतकर्ता रुबीना अय्यर के अनुसार यह सब देखने के पश्चात उन्हें पुलिस विभाग को सूचित किया। विभाग इस पर तुरंत ही सक्रिय हो गया। पुलिस अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट किए जाने के पश्चात पुलिस, ड्रग इंस्पेक्टर एवं पशुपालन अधिकारी की टीम ने छापा मारकर कार्यवाही की।
पशुपालन विभाग ने पशुओं के रक्त के नमूने जांच को भेजे
पशुपालन विभाग की ओर से चडोतर और खोडला के जिन पशुओं को ऑक्सीटॉसिन के इंजेक्शन लगाए गए हैं, उनके रक्त के नमूने लिए गए हैं। इन्हें जांच के लिए एफएसएल में भेजा जाएगा। इधर पशुपालकों का कहना है कि जब पशु दूध दुहने नहीं देते हैं तो इंजेक्शन लगाया जाता है। इंजेक्शन लगाए जाने से दूध की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है। वही ड्रग विभाग की ओर से कहा गया है कि जो लोग भी पशुओं को इंजेक्शन लगाते हैं, उनका बयान दर्ज किया जाएगा। उनसे विशेष कर यह पूछा जाएगा कि यह इंजेक्शन उन्हें कहां से प्राप्त होता है। क्योंकि इसकी बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। वडोदरा. जिले की पादरा तहसील के ताजपुरा गांव में गाय-भैस के तबेले में जीवदया संस्था के कार्यकर्ताओं ने छापेमारी की। तबेले में 100 दुधारू पशु थे। जांच के दौरान पशुओं में प्रतिबंधित शिड्यूल एच ड्रग्स में आने वाली ऑक्सिटोसीन दवा की मात्रा मिली। बताया गया कि यह दवा प्रतिबंधित है। इसके उपयोग से जहां पशुओं के स्वास्थ्य को नुकसान होता है, वहीं दूध का सेवन करने वाले लोगों पर भी प्रतिकूल असर होता है। पादरा थाने की टीम ने जांच शुरू की है।
पशुपालन विभाग की ओर से चडोतर और खोडला के जिन पशुओं को ऑक्सीटॉसिन के इंजेक्शन लगाए गए हैं, उनके रक्त के नमूने लिए गए हैं। इन्हें जांच के लिए एफएसएल में भेजा जाएगा। इधर पशुपालकों का कहना है कि जब पशु दूध दुहने नहीं देते हैं तो इंजेक्शन लगाया जाता है। इंजेक्शन लगाए जाने से दूध की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है। वही ड्रग विभाग की ओर से कहा गया है कि जो लोग भी पशुओं को इंजेक्शन लगाते हैं, उनका बयान दर्ज किया जाएगा। उनसे विशेष कर यह पूछा जाएगा कि यह इंजेक्शन उन्हें कहां से प्राप्त होता है। क्योंकि इसकी बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। वडोदरा. जिले की पादरा तहसील के ताजपुरा गांव में गाय-भैस के तबेले में जीवदया संस्था के कार्यकर्ताओं ने छापेमारी की। तबेले में 100 दुधारू पशु थे। जांच के दौरान पशुओं में प्रतिबंधित शिड्यूल एच ड्रग्स में आने वाली ऑक्सिटोसीन दवा की मात्रा मिली। बताया गया कि यह दवा प्रतिबंधित है। इसके उपयोग से जहां पशुओं के स्वास्थ्य को नुकसान होता है, वहीं दूध का सेवन करने वाले लोगों पर भी प्रतिकूल असर होता है। पादरा थाने की टीम ने जांच शुरू की है।