क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से युवक-युवती को पकड़ा, अन्य फरार,आरबीआई और आयकर अधिकारी बन धमकाकर लिए थे ६५ लाख
अहमदाबाद. ओएनजीसी के पूर्व उपमहानिदेशक (डीजीएम) को ऑनलाइन ६५ लाख रुपए की चपत लगाने के मामले में क्राइमब्रांच ने दिल्ली से एक युवती सहित दो आरोपियों को पकड़ा है। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के आए रुपयों के संदर्भ में जबाव-तलब करते हुए आरबीआई और आयकर अधिकारी बनकर कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए तीन बैंक खातों में ६५ लाख ९३ हजार ९१२ रुपए जमा करवा लिए। भरोसा जीतने के लिए आरबीआई और आयकर के अधिकारी के नाम के फर्जी लेटर भी भेजे थे।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त डॉ. राजदीप सिंह झाला ने संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में दिल्ली खजूरी खास निवासी राहुल जोशी (२६) और नई दिल्ली पश्चिम विहार निवासी रिचा भाटिया (२७) शामिल हैं। १४ अप्रेल २०१६ को पूर्व डीजीएम की ओर से दर्ज कराई प्राथमिकी के आधार पर उन्हें मिले ईमेल, आए हुए फोन और बैंकों के ट्रांजेक्शन की जांच करते हुए क्राइम ब्रांच ने इन दो आरोपियों को पकडऩे में सफलता पाई। फिलहाल दोनों दो दिनों के रिमांड पर हैं।
गिरफ्तार दोनों आरोपी दिल्ली में ट्रू वेल्यू इन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आइडिया के पोस्ट पेड कनेक्शन का
काम करने के लिए ऑफिस शुरू की थी। उनकी ऑफिस में काम करने वाले युवकों के पास से डुप्लीकेट दस्तावेजों के आधार पर सिमकार्ड जारी कर प्रि-एक्टिवेट करके मुख्य आरोपियों को दिया था। डमी फोन भी दिया था। इनकी गिरफ्तारी से पांच-छह आरोपियों की लिप्तता का खुलासा हुआ है। उनकी गिरफ्तारी के लिए भी क्राइम ब्रांच कोशिश कर रही है। जिन तीन बैंक खातों में आरोपियों ने रुपए जमा करवाए थे। वह किनके नाम पर और कहां खुले थे व किसने खुलवाए थे। उन युवकों का भी पता चल गया है। उनकी गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी। गिरफ्तार दोनों आरोपी दिल्ली में ट्रू वेल्यू इन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आइडिया के पोस्ट पेड कनेक्शन का काम करने के लिए ऑफिस शुरू की थी। उनकी ऑफिस में काम करने वाले युवकों के पास से डुप्लीकेट दस्तावेजों के आधार पर सिमकार्ड जारी कर प्रि-एक्टिवेट करके मुख्य आरोपियों को दिया था। डमी फोन भी दिया था।