बंद हो चुकी पॉलिसी के पैसे दिलाने के नाम पर २१ लाख ठगे अहमदाबाद. इंश्योरेंस की बंद हो चुकी पॉलिसी के पैसे दिलाने के नाम पर 21 लाख रुपए ठगने का एक मामला सामने आया है।
घाटलोडिया सिल्वर पर्ल अपार्टमेंट निवासी पीडि़त प्रकाश बुनकर (३५) ने इस बाबत सोला हाईकोर्ट थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें बताया कि उन्होंने २०११ में रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस की गारंटी मनी बैंक की दो पॉलिसी ली थी जिसमें से एक प्रीमियम नहीं भर पाने के चलते पॉलिसी बंद हो गई। फरवरी २०२० से जून २०२१ के दौरान एक व्यक्ति ने उन्हें फोन करके खुद की पहचान रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस के कर्मचारी राकेश सिंह के रूप में दी। बंद हो चुकी पॉलिसी के पैसे दिलाने की बात कहकर विश्वास में लिया। इसके लिए उसने प्रकाशभाई के घर के सभी सदस्यों के नाम पर पॉलिसी लेने केलिए दस्तावेज मंगाए और प्रीमियम के ५.५० लाख रुपए जमा करवाए। उसके बाद अलग अलग मद और प्रीमियम के नाम पर कुल २1 लाख रुपए संजय झा नाम के व्यक्ति के खाते में गुगल पे से जमा करा लिए। लेकिन बावजूद उसके उनकी बंद पॉलिसी के रुपए नहीं दिलाकर उनके साथ विश्वासघात और ठगी की है।
घाटलोडिया सिल्वर पर्ल अपार्टमेंट निवासी पीडि़त प्रकाश बुनकर (३५) ने इस बाबत सोला हाईकोर्ट थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें बताया कि उन्होंने २०११ में रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस की गारंटी मनी बैंक की दो पॉलिसी ली थी जिसमें से एक प्रीमियम नहीं भर पाने के चलते पॉलिसी बंद हो गई। फरवरी २०२० से जून २०२१ के दौरान एक व्यक्ति ने उन्हें फोन करके खुद की पहचान रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस के कर्मचारी राकेश सिंह के रूप में दी। बंद हो चुकी पॉलिसी के पैसे दिलाने की बात कहकर विश्वास में लिया। इसके लिए उसने प्रकाशभाई के घर के सभी सदस्यों के नाम पर पॉलिसी लेने केलिए दस्तावेज मंगाए और प्रीमियम के ५.५० लाख रुपए जमा करवाए। उसके बाद अलग अलग मद और प्रीमियम के नाम पर कुल २1 लाख रुपए संजय झा नाम के व्यक्ति के खाते में गुगल पे से जमा करा लिए। लेकिन बावजूद उसके उनकी बंद पॉलिसी के रुपए नहीं दिलाकर उनके साथ विश्वासघात और ठगी की है।