कंसेप्ट पर दिया जोर देश में पांचवी रैंक पाने वाली निशी शाह बताती हैं कि उन्होंने कंसेप्ट पर ही ज्यादा जोर दिया। कभी रैंक लाने का लक्ष्य नहीं रखा। समझ के हिसाब से पढ़ा। सभी को ऐसा ही करना चाहिए। संस्थान के कोचिंग से पढ़ाई की। कानून (लॉ) में रुचि होने के कारण सीएस किया है और अब एमबीए करने की इच्छा है।
प्रिंटिंग कारखाने के कारीगर के बेटे को 14वां स्थान प्रिङ्क्षटंग के कारखाने में काम करने वाले कारीगर योगेश पंचाल के पुत्र कीर्तन पंचाल ने ३३० अंक के साथ देश में 14वां स्थान प्राप्त किया है। मां तृप्ति पंचाल घर में टिफिन बनाती है। माता-पिता मिलकर पढ़ाई का खर्च निकालते हैं। मूलरूप से अहमदाबाद लेकिन पंजाब में स्थाई हुआ परिवार चार वर्ष पहले ही अहमदाबाद लौटा। कीर्तन का कहना है कि उसे आगे पढ़ते हुए सीएस बनकर माता-पिता को पड़ी तकलीफों को दूर करना है। कीर्तन के मुताबिक सेमिनार के जरिए उसे सीएस के बारे में पता चला था। उसने यह भी कहा कि मॉड्यूल से ही तैयारी करनी चाहिए।
उदयपुर मूल की अंजली को 17वां स्थान राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा की मूल निवासी अंजली पालीवाल ने भी ३२४ अंक पाकर देश के टॉप-25 की सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने 17वीं रैंक पाई। अंजली बताती हैं कि संस्थान के मॉड्यूल को ही आधार बनाकर तैयारी करनी चाहिए। वे परिवार की पहली सदस्य हैं जो सीएस कर रही हैं।
उनका पूरा परिवार व्यवसाय से जुड़ा है। पिता भरत पालीवाल डेकोरेशन एवं स्वीट्स का व्यापार करते हैं। पिता की प्रेरणा से वे सीएस की पढ़ाई के साथ बी कॉम भी कर रही हैं। उन्हें गाना और डांस करना पसंद है।
सोशल मीडिया से रहें दूर सीएस फाउंडेशन में देश में 18वीं रैंक पाने वाले चिराग टेकवाणी बताते हैं कि उन्होंने संस्थान के मॉड्यूल को आधार बनाकर तैयारी की और रैंक पाई है। विद्यार्थियों को ईमानदारी से तैयारी करनी चाहिए। सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखनी चाहिए। नियमित चार घंटे की पढ़ाई उन्होंने की।
जितना भी पढ़ो ध्यान से सीएस फाउंडेशन में देश में 22वीं रैंक पाने वाले और बीकॉम की पढ़ाई कर रहे करण परीख बताते हैं कि जितना भी पढ़ाई करें उतना ध्यान लगाकर पढें। घंटे तय कर पढ़ाई नहीं करें।
पाली की प्रीति ने पाया 24वीं स्थान
राजस्थान के पाली जिले के टेवाली गांव मूल निवासी प्रीति कुमावत ने ४०० में ३१० अंक पाकर देश में 24वां स्थान पाया। प्रीति बताती हैं कि उनके पिता की गिफ्ट की दुकान है। चचेरे भाई सीए हैं, जिनके जरिए सीएस करने की प्रेरणा मिली। महाराष्ट्र के रायगढ़ से पढ़ाई के लिए पूरा परिवार अहमदाबाद में स्थाई हुआ है। उसने कहा कि मॉड्यूल से तैयारी करनी पर सफलता मिलेगी।
राजस्थान के पाली जिले के टेवाली गांव मूल निवासी प्रीति कुमावत ने ४०० में ३१० अंक पाकर देश में 24वां स्थान पाया। प्रीति बताती हैं कि उनके पिता की गिफ्ट की दुकान है। चचेरे भाई सीए हैं, जिनके जरिए सीएस करने की प्रेरणा मिली। महाराष्ट्र के रायगढ़ से पढ़ाई के लिए पूरा परिवार अहमदाबाद में स्थाई हुआ है। उसने कहा कि मॉड्यूल से तैयारी करनी पर सफलता मिलेगी।