गांधीनगर. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा पाटण कलक्टर कार्यालय परिसर में एक दलित व्यक्ति के आत्मदाह के प्रयास को काफी दुखद घटना बताया है। उन्होंने कहा कि पीडि़त के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। पीडि़त फिलहाल अपोलो अस्पताल में उपचाराधीन है, जहां उसे अच्छा से अच्छा उपचार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अत्यंत संवेदनशील घटना की सत्यता जांचने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के समक्ष सच्ची बात व जानकारी आने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
पाटण जिले की समी तहसील के दुदखा गांव के एक दलित परिवार को उसके हक की जमीन नहीं मिलने के चलते पूर्व तलाटी व दलित कार्यकर्ता भानूभाई वणकर ने गुरुवार को पाटण कलक्टर कार्यालय परिसर में आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस, दमकल विभाग और एंबुलेंस की उपस्थिति होने के बावजूद भी भानूभाई के अचानक खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर लेने से कलक्टर कार्यालय परिसर में भगदड़ मच गई। मौजूद कर्मचारियों ने भानूभाई के शरीर पर लगी आग को बुझाया और तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल ले गए। यहां स्थिति काबू में नहीं आने से उन्हें अपोलो अस्पताल में दाखिल किया गया है।
कलक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे आज
उधर अल्पसंख्यक अधिकार मंच ने पाटण कलक्टर कार्यालय परिसर में जमीन को नियमित करने की मांग को लेकर दलित कार्यकर्ता भानूभाई के आत्मदाह की घटना के विरोध में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे की मांग की है। इस घटना के विरोध में शनिवार को वकील शमशाद पठाण के नेतृत्व में मंच का एक प्रतिनिधिमंडल अहमदाबाद कलक्टर को ज्ञापन सौंपेगा। इस घटना पर दलित नेता व वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने रोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री
विजय रूपाणी से इस्तीफे की मांग कर दी। इसके साथ ही उन्होंने पाटण जिला कलक्टर और पाटण जिले के पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की।