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साइबर ठगों ने सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस बन बुजुर्ग से 23 लाख ठगे

-नरेश गोयल को 230 करोड़ देने से जुड़े मनीलॉन्डरिंग केस में लिप्तता के नाम पर डराया- धमकाया, डिजिटल अरेस्ट रख रुपए कराए ट्रांसफर

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Cyber Crime Branch

साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम का भी दुरुपयोग कर खुद को चीफ जस्टिस खन्ना बताते हुए लोगों को ठगने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज किया गया है जिसमें 87 वर्षीय बुजुर्ग को डरा धमकाकर 23 लाख रुपए ठग लिए गए।

शहर के नवरंगपुरा में रहने वाले 87 वर्षीय बुजुर्ग कनैयालाल बाफना ने गुरुवार को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच में इस बाबत साइबर ठगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।एफआईआर के तहत यह घटना 11 से 14 नवंबर के दौरान घटी। 11 नवंबर की दोपहर उन्हें एक मोबाइल नंबर से फोन आया। हिंदी में बात करते हुए फोन करने वाले ने कहा कि वह टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बोल रहा है। आपका मोबाइल फोन दो घंटे में बंद किया जाएगा। आपका फोन सीबीआई में ट्रांसफर किया जा रहा है। कुछ देर में फिर फोन आया और कहा कि वह मुंबई सीबीआई ब्रांच से अनिल देशपांडे बोल रहे हैं। मनीलॉन्डरिंग केस में नरेश गोयल को 230 करोड़ देने के मामले में आपका नाम सामने आया है। मुंबई के कैनरा बैंक में अकाउंट खुलाया है।

बुजुर्ग के इनकार करने पर गोयल से 45 मिनट की होने की बात कही। बुजुर्ग ने इससे भी इनकार किया तो कहा कि जैसा वे बोल रहे हैं वैसा एक कागज पर लिखकर, वॉट्सएप कर दें। बुजुर्ग ने उन्हें उनके बताए अनुसार लिखकर वॉट्सएप कर दिया। साइबर ठगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खन्ना आपके साथ बात करेंगे और जैसा ऑर्डर आएगा वह भेज दिया जाएगा।

ग्रुप कॉल में सीजेआई खन्ना बन की बात

एफआईआर के तहत 12 नवंबर को बुजुर्ग को वॉट्सएप पर ग्रुप कॉल आया, जिसमें तीन मोबाइल नंबर थे। इसमें एक व्यक्ति ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस खन्ना बात कर रहा है। तुम मनीलॉन्डिरिंग केस में लिप्त हो। हमारे पास रेकॉर्ड आया है, जिससे गिरफ्तारी वारंट जारी कर रहा हूं। बुजुर्ग के इनकार करने पर एक राहुल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने बुजुर्ग की ओर से सीजेआई से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए जमानत देने की गुजारिश की लेकिन कथित सीजेआई ने इनकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। दो घंटे में वॉट्सएप से ऑर्डर भी भेज भी दिया।

डिजिटल अरेस्ट रखा, वैरिफिकेशन के नाम पर 23.80 लाख कराए ट्रांसफर

राहुल गुप्ता बन व्यक्ति ने फोन कर बुजुर्ग से कहा कि अभी केस हमारे हाथ में है। गिरफ्तार नहीं करेंगे इसलिए को-ऑपरेट करें। बुजुर्ग के तैयारी दर्शाने पर परिवार के बैंक अकाउंट की जानकारी ली, फिर कहा कि उसके पुत्र को गिरफ्तार किया जाएगा। मंजूरी बिना किसी से बात नहीं करने और कहीं बाहर नहीं जाने को कहा। लगातार वीडियो कॉल जारी रख डिजिटल अरेस्ट किया। एफडी की जानकारी लेकर कहा कि तुम्हारे रुपए सीबीआई के पास जमा रहेंगे। वैरिफिकेशन किया जाएगा कि मनी लॉन्डरिंग में लिप्त हो या नहीं उसके बाद पैसे वापस दे दिए जाएंगे। ऐसा कहकर 13 नवंबर को उनके बैंक खातों से 23.80 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए।