कुमार ने घोषणा की कि दहेज में देश का पहला केन्द्रीय रयासन इंजीनियरिंग व तकनीक संस्थान (सीआईसीईटी) स्थापित किया जाएगा। यह संस्था सीपेट की तरह होगी। उन्होंने इस प्रस्तावित संस्थान के लिए राज्य सरकार से त्वरित रूप से जमीन आवंटन के लिए अनुरोध किया।
उन्होंने दहेज पीसीपीआईआर को केमिकल-पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्रीज का काशी बताते हुए वाइब्रेंट गुजरात के तर्ज पर दहेज निवेशक सम्मेलन के आयोजन की सलाह दी। यह केन्द्र सरकार के लिए भी मदद रूप होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात देश के केमिकल उत्पादन में 35 फीसदी तथा निर्यात में 18 फीसदी का योगदान देता है। राज्य में 16 हजार लघु व 500 छोटे-मझोले रसायन उत्पादन ईकाई है।
दहेज देश के एलएनजी टर्मिनल व पीसीपीआईआर की विशेषता वाला अहम केन्द्र है। 453 वर्ग किलोमीटर में फैला दहेज पीसीपीआईआर में 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है।
सडक़ों को तीन सप्ताह में बनाने का दावा
बारिश से क्षतिग्रस्त हुई २०२ कि.मी. सडक़ें
शहर में इस वर्ष बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुईं २०२ किलोमीटर सडक़ों में से अब तक चालीस फीसदी मरम्मत या पुन: निर्माण का कार्य हो पाया है शेष सडक़ों के कार्य को आगामी तीन सप्ताह में करने का दावा किया गया है।
महानगरपालिका आयुक्त मुकेश कुमार ने शहर की क्षतिग्रस्त सडक़ों की स्थिति के बारे में बताया कि बारिश के कारण २०२ किलोमीटर सडक़ों में कार्य करने की जरूरत हो रही है। इसमें से १८४ किलोमीटर लंबी ऐसी हैं जो तीन वर्ष या अधिक पुरानी हैं जबकि १८ किलोमीटर लंबी सडक़ें गारंटी की अवधि में हैं। बुधवार तक २६.२४२ किलोमीटर सडकों को रिसरफेस किया जा चुका है। करीब २२ किलोमीटर सडक़ों को माइक्रो सरफेस किया गया है। इस तरह से ४८ किलोमीटर से अधिक लंबी सडक़ों को ठीक किया जा चुका है। मनपा आयुक्त ने कहा कि गारंटी अवधि की अठारह किलोमीटर लंबी सडक़ों को ठीक करने का खर्च संबंधित ठेकेदार वहन कर रहे हैं।
तीन सप्ताह में पूरा होगा १२१ सडक़ों का काम
शहर में आगामी तीन सप्ताह में शहर के विविध जोनों में १२१ सडक़ों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। जिनकी कुल लंबाई ८८३१० मीटर बताई गई है। इनमें से रोड प्रोजेक्ट के अन्तर्गत की १२ सडक़ें हैं जिसकी लंबाई १४४१० मीटर है।