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Dairy products में adulteration रोकने के लिए Gujarat govt देगी Special logo

locationअहमदाबादPublished: Oct 23, 2019 12:23:09 am

Submitted by:

Uday Kumar Patel

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Dairy products में adulteration रोकने के लिए Gujarat govt देगी Special logo

गांधीनगर. डेयरी उत्पादों में मिलावटों पर नियंत्रण लाने के लिए गुजरात के खाद्य व औषधि नियमन प्रशासन (एफडीसीए) की ओर से विशेष ‘लोगो’ दिया जाएगा। यह आम जनता को गुणवत्तायुक्त सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार का अहम कदम होगा।
राज्य में पिछले कुछ समय से नकली दूध, नकली मावा, नकली घी, नकली गाय के घी का व्यापार फूला-फला है। इन सभी को लेकर मिलावटखोर तत्व कार्यरत हैं। ऐसे लोग ब्रांड से मिलते-जुलते नाम खोजकर केमिकल युक्त माल घुसाकर आम स्वास्थ्य के लिए काफी बड़ा खतरा पैदा करते हैं। इस तरह के मिलावटखोर तत्वों को रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस संबंध में गंभीरता से निर्णय ले चुकी है।
राज्य के खाद्य व औषधि नियमन प्रशासन (एफडीसीए) के आयुक्त डॉ. एच जी कोशिया के मुताबिक दूध में से पनीर बनने की कीमत 250 रुपए से 300 रुपए प्रति किलोग्राम है, लेकिन मिलावटी ब्रांड के पनीर 150 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से मिलते हैं। ऐसे पनीर में पोषण या अन्य तत्व नहीं होते हैं। चेन्नई की एक कंपनी कृत्रिम स्वाद, रंग व सुगंध डालकर वनस्पति घी को साफ बनाकर बाजार में बेच रही है। यह कंपनी अपनी ब्रांड के देसी घी भी बाजार में खपाती है। इसके बीच तमिलनाडु की एक विख्यात डेयरी उत्पादों की बिक्री के लिए सरकारी लोगो देना आरंभ किया है। इससे ब्रांडेड उत्पादों के नकल को कम करने में खासी सफलता मिली।
तमिलनाडु की तर्ज पर ही गुजरात सरकार विशेष लोगो देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए आणंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) की ओर से लोगो का ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
यह लोगो अमूल की तरह अन्य डेयरियों के उत्पाद पर लगाया जाएगा। सामान्यतया दूध और दूध के उत्पाद में फैट और प्रोटीन की मात्रा काफी अहम मानी जाती है। इन वस्तुओं में पॉम ऑयल का उपयोग किया जाता है। सस्ते पॉम ऑयल का उपयोग कर मिलावट वाली कंपनियां उत्पाद की कीमत सस्ती कर देती हैं। इस तरह मिलावट वाली यह वस्तुएं सस्ती होती हैं। असली ब्रांड का नकल कर ग्राहकों को गुमराह कर दिया जाता है।
इन सभी तरह की मिलावटी संबंधी झंझट से राहत पाने के लिए गुजरात सरकार तमिलनाडु की तर्ज पर डेयरी उत्पादकों को विशेष लोगो देगी।

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