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दलितों ने तोड़ी परंपरा, मंदिर में किया प्रवेश

locationअहमदाबादPublished: Jan 19, 2018 11:04:40 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

बनासकांठा जिले की डीसा तहसील में किया हल्लाबोल

Dalit Enter temple
अहमदाबाद. गुजरात के बनासकांठा जिले की डीसा तहसील के शेरपुरा गांव में दलितों ने सालों पुरानी परंपरा के विरुद्ध शुक्रवार को हल्लाबोल करते हुए मंदिर में प्रवेश किया। इस गांव में सालों से दलितों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी।
आजादी के इतने सालों बाद भी समाज में व्याप्त छुआछूत और दलितों के साथ भेदभाव के विरुद्ध भीम शक्ति सेना के सदस्यों ने गांव के दलितों के साथ मिलकर आवाज उठाई। पहले तो गांव में महासम्मेलन किया और फिर रैली के रूप में सभा स्थल से कूच करते हुए गांव में बने मंदिर में प्रवेश किया। हालांकि परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुए पुलिस की ओर से यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध भी किए गए थे।
इस कार्यक्रम की सबसे अहम बात यह रही कि मंदिर प्रवेश करने के दौरान भीम शक्ति सेना के प्रमुख मनीष मकवाणा, संयोजक केवलसिंह राठोड़, के अलावा पाटीदार नेता गोपाल इटालिया, आरटीआई कार्यकर्ता कांतिलाल चावडा, ब्राह्मण समाज के नेता गीरीश दवे सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया।
दरअसल कुछ समय पहले शेरपुरा गांव के ऊंची जाति के लोगों की ओर से दलित युवक महेश परमार को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था। महेश के साथ हुए भेदभाव के विरुद्ध उसने आवाज उठाई तो भीम शक्ति सेना, गुजरात ने, शेरपुरा गांव और आसपास के गांव के दलित समाज के लोगों ने भी उसकी आवाज से आवाज मिलाते हुए मंदिर में प्रवेश पर रोक की परंपरा के विरुद्ध हल्लाबोल किया। शुक्रवार को दलितों ने सामूहिक रूप से मंदिर में प्रवेश करके इस परंपरा को तोड़ा।
इस कार्यक्रम की अगुवाई करने वाले भीम शक्ति सेना के अध्यक्ष मनीष मकवाना ने कहा कि अस्पृश्यता खत्म होनी ही चाहिए, अस्पृश्यता की वजह से हमारा देश प्रगति नहीं कर पा रहा है। इसे खत्म करने के लिए सभी समाज के लोगों को साथ में मिलकर कदम उठाना होगा।
मकवाणा ने कहा कि बनासकांठा में तो सफलता मिली है। अब गुजरात में जिन-जिन गांवों में दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाएगा, वहां पर भीम शक्ति सेना आने वाले दिनों में हल्लाबोल करते हुए मंदिर में सामूहिक प्रवेश किया जाएगा। संवैधानिक अधिकार के लिए लोगों ने मंदिर में प्रवेश का कार्यक्रम चलाया।
इस कार्यक्रम में शामिल पाटीदार नेता गोपाल इटालिया ने कहा कि हमारे समाज के पुराने रीति-रिवाजों से बचने के लिए, अस्पृश्यता निवारण के लिए जरूरी है कि बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान का सही तरीके से पालन हो। इसके लिए लोगों को शिक्षा का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहिए।
भीम शक्ति सेना के संयोजक केवलसिंह राठोड ने कहा कि दुनिया में संभवत: भारत ही एक ऐसा देश है, जहां पर अश्पृश्यता है। इसकी वजह से हमारा देश प्रगति नहीं कर पा रहा है, भारत में जातिवादी व्यवस्था और पूंजीवादी व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। लोगों को उनका संंवैधानिक अधिकार मिलना चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि अस्पृश्यता को खत्म करें।
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