ऐसे किया उपचार और कोरोना से जीती जंग कोरोना रोग के बारे में 90 प्रतिशत जानकारी रखने वाले डॉ. रावल ने पुल्मोनोलॉजिस्ट, कोरोना की जांच व उपचार करने वाले चिकित्सक मित्रों डॉ. मनोज विट्ठलाणी, उर्मान ध्रुव व हरजीत डूमरा की सलाह के अनुरूप दवाई शुरू की। एंटी कोरोना वायरस दवाई फेविपिराविर (फेबिफ्लू) पहले दिन 9 गोलियों, बाद में प्रतिदिन 4-4 गोलियों के साथ में सहयोगी उपचार शुरू किया। इसके बावजूद नंदिनी का बुखार 99 से 100 डिग्री के बीच रहता था। ऑक्सीजन स्तर 98 रहता था लेकिन बुखार था, खांसी भी बढ़ गई। सेचुरेशन (संतृप्ति) सामान्य रही।
छह दिन तक फेबिफ्लू दवा लेने के बावजूद यूरिक एसिड बढऩे पर डॉ. रावल ने चिकित्सक मित्रों के साथ मिलकर फेबिफ्लू दवा बंद करने का निर्णय किया। उसके बाद बुखार 105 डिग्री हो गया। इसके बाद डॉ. विट्ठलाणी व डॉ. डूमरा की सलाह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन शुरू करने की सलाह दी। साथ ही स्टीरॉइड की दवा देने पर बुखार उतरने की बात भी कही। पहली बार सामान्य सीटी स्केन कराने के बाद दुबारा सीटी स्केन करवाया। दूसरी बार में 8 प्वाइंट आए। तब सीटी स्केन करने वाले चिकित्सक डॉ. प्रतीक ने मामूली बीमारी (माइल्ड डिजिज) बताई। उसके बाद स्टीरॉइडड की गोली दी।
छह दिन तक फेबिफ्लू दवा लेने के बावजूद यूरिक एसिड बढऩे पर डॉ. रावल ने चिकित्सक मित्रों के साथ मिलकर फेबिफ्लू दवा बंद करने का निर्णय किया। उसके बाद बुखार 105 डिग्री हो गया। इसके बाद डॉ. विट्ठलाणी व डॉ. डूमरा की सलाह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन शुरू करने की सलाह दी। साथ ही स्टीरॉइड की दवा देने पर बुखार उतरने की बात भी कही। पहली बार सामान्य सीटी स्केन कराने के बाद दुबारा सीटी स्केन करवाया। दूसरी बार में 8 प्वाइंट आए। तब सीटी स्केन करने वाले चिकित्सक डॉ. प्रतीक ने मामूली बीमारी (माइल्ड डिजिज) बताई। उसके बाद स्टीरॉइडड की गोली दी।
निजी अस्पताल की होम केयर टीम की मदद ली शहर के नवरंगपुरा क्षेत्र निवासी रावल दंपती के बंगले के समीप स्थित एक निजी अस्पताल से होम केयर करने वाली टीम की मदद ली। उस टीम से सातवें दिन से सवेरे 2 रेमडेसिविल इंजेक्शन लगवाए। उसके सात-आठ घंटे बाद शारीरिक थकान व दर्द में 50 प्रतिशत कमी हुई। बाद में 5 दिनों तक 1-1 इंजेक्शन लगवाए। उनसे 20-30 प्रतिशत आराम मिला और कुल 10 दिन बाद ठीक हुई। बुखार नहीं था, थोड़ी खांसी थी, अन्य कोई शिकायत नहीं थी।
14 दिन बाद पूर्णतया सामान्य महसूस होने पर चिकित्सक मित्रों की सलाह के अनुरूप दुबारा सीबीसी, ईएसआर, सिरम क्रिएटिनिन, डी. डाइमर की जांच करवाने पर सभी रिपोर्ट सामान्य आई। केवल कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होने और बुखार आने के कारण डॉ. उर्मान ध्रुव की सलाह पर क्लोटिंग (रक्त का थक्का) रोकने के लिए 5 दिन का इंजेक्शन का कोर्स शुरू किया लेकिन उससे तीसरे ही दिन थोड़ी बेचैनी होने पर इंजेक्शन बंद करएंटी कोरिक्युलर दवाई शुरू की। 15 दिन तक यह दवाई लेने के बाद पूर्णतया आराम मिला। आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।
14 दिन बाद पूर्णतया सामान्य महसूस होने पर चिकित्सक मित्रों की सलाह के अनुरूप दुबारा सीबीसी, ईएसआर, सिरम क्रिएटिनिन, डी. डाइमर की जांच करवाने पर सभी रिपोर्ट सामान्य आई। केवल कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होने और बुखार आने के कारण डॉ. उर्मान ध्रुव की सलाह पर क्लोटिंग (रक्त का थक्का) रोकने के लिए 5 दिन का इंजेक्शन का कोर्स शुरू किया लेकिन उससे तीसरे ही दिन थोड़ी बेचैनी होने पर इंजेक्शन बंद करएंटी कोरिक्युलर दवाई शुरू की। 15 दिन तक यह दवाई लेने के बाद पूर्णतया आराम मिला। आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।