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घर में रहकर कोरोना से जंग लडऩे का निर्णय किया

locationअहमदाबादPublished: Nov 30, 2020 12:02:48 am

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

पति के अलावा घर में कोई सदस्य मौजूद नहीं होने के कारण

घर में रहकर कोरोना से जंग लडऩे का निर्णय किया

घर में रहकर कोरोना से जंग लडऩे का निर्णय किया

राजेश भटनागर

अहमदाबाद. चिकित्सकों ने समाजसेवी नंदिनीबेन रावल को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी लेकिन, 65 वर्ष उम्र और घर में 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले 40 वर्ष से अहमदाबाद में कार्यरत वरिष्ठ पुल्मोनोलॉजिस्ट पति डॉ. नरेन्द्र रावल के अलावा और कोई सदस्य मौजूद नहीं होने के कारण घर में रहकर कोरोना से जंग लडऩे का निर्णय किया।
ऐसे किया उपचार और कोरोना से जीती जंग

कोरोना रोग के बारे में 90 प्रतिशत जानकारी रखने वाले डॉ. रावल ने पुल्मोनोलॉजिस्ट, कोरोना की जांच व उपचार करने वाले चिकित्सक मित्रों डॉ. मनोज विट्ठलाणी, उर्मान ध्रुव व हरजीत डूमरा की सलाह के अनुरूप दवाई शुरू की। एंटी कोरोना वायरस दवाई फेविपिराविर (फेबिफ्लू) पहले दिन 9 गोलियों, बाद में प्रतिदिन 4-4 गोलियों के साथ में सहयोगी उपचार शुरू किया। इसके बावजूद नंदिनी का बुखार 99 से 100 डिग्री के बीच रहता था। ऑक्सीजन स्तर 98 रहता था लेकिन बुखार था, खांसी भी बढ़ गई। सेचुरेशन (संतृप्ति) सामान्य रही।
छह दिन तक फेबिफ्लू दवा लेने के बावजूद यूरिक एसिड बढऩे पर डॉ. रावल ने चिकित्सक मित्रों के साथ मिलकर फेबिफ्लू दवा बंद करने का निर्णय किया। उसके बाद बुखार 105 डिग्री हो गया। इसके बाद डॉ. विट्ठलाणी व डॉ. डूमरा की सलाह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन शुरू करने की सलाह दी। साथ ही स्टीरॉइड की दवा देने पर बुखार उतरने की बात भी कही। पहली बार सामान्य सीटी स्केन कराने के बाद दुबारा सीटी स्केन करवाया। दूसरी बार में 8 प्वाइंट आए। तब सीटी स्केन करने वाले चिकित्सक डॉ. प्रतीक ने मामूली बीमारी (माइल्ड डिजिज) बताई। उसके बाद स्टीरॉइडड की गोली दी।
निजी अस्पताल की होम केयर टीम की मदद ली

शहर के नवरंगपुरा क्षेत्र निवासी रावल दंपती के बंगले के समीप स्थित एक निजी अस्पताल से होम केयर करने वाली टीम की मदद ली। उस टीम से सातवें दिन से सवेरे 2 रेमडेसिविल इंजेक्शन लगवाए। उसके सात-आठ घंटे बाद शारीरिक थकान व दर्द में 50 प्रतिशत कमी हुई। बाद में 5 दिनों तक 1-1 इंजेक्शन लगवाए। उनसे 20-30 प्रतिशत आराम मिला और कुल 10 दिन बाद ठीक हुई। बुखार नहीं था, थोड़ी खांसी थी, अन्य कोई शिकायत नहीं थी।
14 दिन बाद पूर्णतया सामान्य महसूस होने पर चिकित्सक मित्रों की सलाह के अनुरूप दुबारा सीबीसी, ईएसआर, सिरम क्रिएटिनिन, डी. डाइमर की जांच करवाने पर सभी रिपोर्ट सामान्य आई। केवल कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होने और बुखार आने के कारण डॉ. उर्मान ध्रुव की सलाह पर क्लोटिंग (रक्त का थक्का) रोकने के लिए 5 दिन का इंजेक्शन का कोर्स शुरू किया लेकिन उससे तीसरे ही दिन थोड़ी बेचैनी होने पर इंजेक्शन बंद करएंटी कोरिक्युलर दवाई शुरू की। 15 दिन तक यह दवाई लेने के बाद पूर्णतया आराम मिला। आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।
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