उन्होंने इस संस्थान के परिसर में 147 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले छात्रावास भवन, अकादमिक ब्लॉक और फैकल्टी हाउसिंग का भूमिपूजन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर से किया।
शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी, यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन सुधीर मेहता और प्राध्यापकों सहित उपाधि प्राप्त करने वाले युवा छात्र इस समारोह में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, रेलवे यूनिवर्सिटी, मरीन यूनिवर्सिटी, पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप यूनिवर्सिटी और नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी सहित जैसी अनेक यूनिवर्सिटियों में अब आईआईटीराम का नाम भी जुड़ गया है। पटेल ने 21वीं सदी को ज्ञान-विज्ञान की सदी करार देते हुए कहा कि भारत इस सदी में विश्व गुरु बनने के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में तैयार है, जबकि गुजरात वैश्विक ज्ञान देने वाली ऐसी यूनिवर्सिटियों के जरिए उसका केंद्र बिंदु बनने को प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने आईआईटीराम के चौथे दीक्षांत समारोह में वर्चुअल तरीके से भाग लेते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते कहा कि बेहतर करियर के जरिए समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में छात्रों का योगदान मौजूदा समय की मांग है।
वाघाणी ने कहा कि आईआईटीराम में गुजरात सरकार के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंसÓ, ई-यंत्र लेबोरेटरी, स्मार्ट क्लास रूम और वाईफाई परिसर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यही नहीं, छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करने को तथा विभिन्न विषयों पर अनुसंधान के लिए आईआईटीराम ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से सहयोग किया है।
आईआईटीराम के चेयरमैन सुधीर मेहता ने स्वागत भाषण में संस्थान में चल रहे पाठ्यक्रमों और संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री कुबेरभाई डिंडोर और शिक्षा विभाग के सचिव एसजे हैदर वर्चुअल तरीके से मौजूद थे।