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आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बना पुल, करनी पड़ती है नदी पार

locationअहमदाबादPublished: Jan 19, 2020 10:57:48 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

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आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बना पुल, करनी पड़ती है नदी पार

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बना पुल, करनी पड़ती है नदी पार

हिम्मतनगर. गतिशील गुजरात, समृद्ध गुजरात के नारों के बीच गांवों की हालत दयनीय बनी हुई है। कुछ गांवों में आजादी के सात दशक बाद भी लोग प्राथमिक सुविधाओं से वंचित हैं। विशेषतौर पर श्मशान जाने के लिए, नदी के पानी से होकर निकलना पड़ता है क्योंकि श्मशान नदी के दूसरी पार है। ऐसे में सर्दी के दौरान शव को श्मशान ले जा रहे लोगों में रोष फैल गया।

जानकारी के अनुसार वांदियोल ग्राम पंचायत के पेटा परा कादविया गांव में वृद्धा की मौत होने से शव को श्मशान ले जाने के लिए लोगों को नदी के पानी से निकलना पड़ा। ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वांदियोल के निकट से गुजर रही मेश्वो नदी पर पुल के अभाव में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में प्रशासन से अनेक बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक की सरपंच ने पुल बनवाने की मांग के साथ जलसमाधि की मांग की थी, लेकिन फिर भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

गौरतलब है कि रास्ते एवं पीने के पानी की सुविधाओं के अभाव के बीच अरवल्ली जिले की भिलोड़ा तहसील के वांदियोल व आसपास के गांवों के लोगों को तो मेश्वो नदी पार करनी पड़ती है। नदी पर पुल के अभाव में लोगों को पानी से गुजरना पड़ता है।
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