ये हैं पेंशन के हकदार
उन्होंने कहा कि बीमितों के सभी आश्रित परिवार के सदस्य जो ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत हैं, उनके कोविड रोग के निदान से पहले और बाद में कोविड रोग के कारण मृत्यु हो गई हो, मासिक पेंशन के समान लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे और बीमित व्यक्ति के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी मासिक भुगतान प्राप्त करने के हकदार होंगे।
उन्होंने कहा कि बीमितों के सभी आश्रित परिवार के सदस्य जो ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत हैं, उनके कोविड रोग के निदान से पहले और बाद में कोविड रोग के कारण मृत्यु हो गई हो, मासिक पेंशन के समान लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे और बीमित व्यक्ति के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी मासिक भुगतान प्राप्त करने के हकदार होंगे।
इन्हें मिली पेंशन
रूपल रावल के पति की कोरोना के कारण इस वर्ष अप्रेल में मृत्यु हो गई। उनके पति संदीप रावल एक कंपनी में कार्यरत थे। अब रूपल रावल को अपने पति की मृत्यु के कारण आजीवन मासिक पेंशन दी गई। साथ ही उनकी दो बेटियों हिमाद्री और अंजनी को भी उनकी शादी होने तक मासिक पेंशन दी जाएगी। बाबूभाई की इस वर्ष मई में बीमारी से मृत्यु हो गई। अब उनकी पत्नी सोनलबेन (33) पर उनकी दो बेटियों मानवी (14) और स्वाति (11) और पुत्र बलदेव (8) की देखभाल की जिम्मेदारी आ गई है। सोनलबेन को आजीवन मासिक पेंशन मिलेगी। मानवी और स्वाति को उनकी पेंशन, जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, तक मिलेगी वहीं बेटे बलदेव को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन मिलेगी।
रूपल रावल के पति की कोरोना के कारण इस वर्ष अप्रेल में मृत्यु हो गई। उनके पति संदीप रावल एक कंपनी में कार्यरत थे। अब रूपल रावल को अपने पति की मृत्यु के कारण आजीवन मासिक पेंशन दी गई। साथ ही उनकी दो बेटियों हिमाद्री और अंजनी को भी उनकी शादी होने तक मासिक पेंशन दी जाएगी। बाबूभाई की इस वर्ष मई में बीमारी से मृत्यु हो गई। अब उनकी पत्नी सोनलबेन (33) पर उनकी दो बेटियों मानवी (14) और स्वाति (11) और पुत्र बलदेव (8) की देखभाल की जिम्मेदारी आ गई है। सोनलबेन को आजीवन मासिक पेंशन मिलेगी। मानवी और स्वाति को उनकी पेंशन, जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, तक मिलेगी वहीं बेटे बलदेव को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन मिलेगी।