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कोरोना से जान गंवाने वाले 20 श्रमिकों के आश्रितों को मिली पेंशन

locationअहमदाबादPublished: Jul 28, 2021 11:00:42 pm

Submitted by:

MOHIT SHARMA

अब तक 70 आवेदन मिले

कोरोना से जान गंवाने वाले 20 श्रमिकों के आश्रितों को मिली पेंशन

कोरोना से जान गंवाने वाले 20 श्रमिकों के आश्रितों को मिली पेंशन

गांधीनगर. कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले श्रमिकों के आश्रितों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) आजीवन पेंशन देगा। गुजरात में अब तक 65-70 आवेदन मिले हैं, जिसमें अहमदाबाद से 45 आवेदन मिले हैं। अब तक 15 से 20 आश्रितों का पेंशन स्वीकृत कर दिया है। ईएसआईसी के अपर आयुक्त एवं क्षेत्रीय निदेशक रत्नेश कुमार गौतम ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि गुजरात में अब तक निगम ने मृतक बीमित व्यक्तियों जो ईएसआईसी की ओर से कवर किए गए उन प्रतिष्ठानों या कारखानों में काम करते थे जहां 12 (व्यक्तियों) पति या पत्नी को आजीवन पेंशन प्रदान की है। 13 बच्चों को उनकी शादी होने तक अथवा 25 साल की उम्र तक मासिक पेंशन भी दी गई है। उन्होंने दावा किया है कि यह पहली बार है कि कामकाजी पत्नी की कोरोना से मृत्यु होने पर आश्रित पति को भी आजीवन पेंशन दी जा रही है।
ये हैं पेंशन के हकदार
उन्होंने कहा कि बीमितों के सभी आश्रित परिवार के सदस्य जो ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत हैं, उनके कोविड रोग के निदान से पहले और बाद में कोविड रोग के कारण मृत्यु हो गई हो, मासिक पेंशन के समान लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे और बीमित व्यक्ति के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी मासिक भुगतान प्राप्त करने के हकदार होंगे।
इन्हें मिली पेंशन
रूपल रावल के पति की कोरोना के कारण इस वर्ष अप्रेल में मृत्यु हो गई। उनके पति संदीप रावल एक कंपनी में कार्यरत थे। अब रूपल रावल को अपने पति की मृत्यु के कारण आजीवन मासिक पेंशन दी गई। साथ ही उनकी दो बेटियों हिमाद्री और अंजनी को भी उनकी शादी होने तक मासिक पेंशन दी जाएगी। बाबूभाई की इस वर्ष मई में बीमारी से मृत्यु हो गई। अब उनकी पत्नी सोनलबेन (33) पर उनकी दो बेटियों मानवी (14) और स्वाति (11) और पुत्र बलदेव (8) की देखभाल की जिम्मेदारी आ गई है। सोनलबेन को आजीवन मासिक पेंशन मिलेगी। मानवी और स्वाति को उनकी पेंशन, जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, तक मिलेगी वहीं बेटे बलदेव को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन मिलेगी।
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