दिल्ली बोर्ड के नाम से गलत रजिस्टर नंबर हासिल कर मान्यता नहीं होने के बावजूद राजकोट समेत देश के 57 स्कूलों को अवैध रूप से अपनी मान्यता देकर विद्यार्थियों को विभिन्न पाठयक्रमों के फर्जी प्रमाण पत्र दिए जाते थे। मामले में ट्रस्टी जेन्ती सुदाणी, अमरेली के केतन जोषी और जीतेन्द्र पीठडिया, परेश प्राणशंकर व्यास और दिल्ली की तनुजासिंग के नाम सामने आए। इन सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
प्रकरण की जांच कर रहे अपराध शाखा के पीआई वाई बी जाडेजा और टीम सदस्यों ने अमरेली के खांभा में केतन जोषी के कार्यालय में छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। इसमें विद्यार्थियों के रजिस्टर समेत फर्जी स्कूल में उनके पंजीकरण किए जाने की जानकारी मिली। इसके साथ देश भर के अलग-अलग शहरों में संचालित हो रहे फर्जी स्कूलों के साथ संबद्ध संचालकों की सूची भी मिली है। सौ से अधिक डमी विद्यार्थियों की भी सूची मिली है, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है। हाल जेल में बंद एसइआइटी संस्थान के संचालक जेन्ती सुदाण जेल में बंद है। पुलिस को जरूरत पड़ेगी तो वह इसका रिमांड लेगी। अपराध शाखा की एक टीम जेन्ती से जेल में जाकर प्राथमिक पूछताछ कर चुकी है। एक स्कूल के संबद्धता के एिल उससे दो से पांच लाख रुपए वसूले जाते थे। सूत्रों के अनुसार फर्जी रूप से संबद्धता लेने वाले स्कूलों के संचालकों को भी जांच में लिया जाएगा।