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Ahmedabad News : देश के सर्वांगीण विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी

locationअहमदाबादPublished: Dec 14, 2019 11:00:35 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

आणंद में इरमा के 40वें स्थापना दिवस पर बोले उप राष्ट्रपति

Ahmedabad News : देश के सर्वांगीण विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी

आणंद के एनडीडीबी परिसर में इरमा के 40वें स्थापना दिवस समारोह में इरमा की कॉफी टेबल का विमोचन करते उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू। साथ हैं गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा।

आणंद. उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। आजादी के 70 वर्ष बाद भी भारत की 68 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है, ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत व सुदृढ़ बनाने के लिए गांवों में जाकर किसानों को उद्यमशीलता व नवीनता के पाठ पढ़ाने होंगे।
यहां इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (इरमा) के 40वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) परिसर के त्रिभुवनदास ऑडिटोरियम में शनिवार को आयोजित समारोह में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने इरमा की कॉफी टेबल का विमोचन किया और एनडीडीबी, इरमा, अमूल, जीसीएमएमएफ की सफलता को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी देखी।
उप राष्ट्रपति ने कहा है कि गांवों की अर्थव्यवस्था से ही विकास का सपना साकार होगा। ग्रामीण विकास के लिए समर्पित इरमा महात्मा गांधीजीके स्वपनों को सच्चे अर्थ में साकार कर रहा है, इसका विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि असरकारक ग्रामीण व्यवस्थापन से इरमा समग्र देश की 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।
यहां इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (इरमा) के 40वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) परिसर के त्रिभुवनदास ऑडिटोरियम में शनिवार को आयोजित समारोह में उन्होंने यह बात कही। उप राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधीजी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। सरदार पटेल की ओर से भी आजादी से पहले खेडा व बारडोली सत्याग्रह के जरिये किसानों के हित-कल्याण के लिए काम करने का उन्होंने स्मरण किया।
उप राष्ट्रपति ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था व गांवों को मजबूत बनाने के लिए खेती की ओर मोडऩे और खेती से तैयार होने वाले उत्पादों का मूल्यवद्र्धन करने व आधुनिक युग में जीवनशैली में बदलाव लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने गांवों के विकास को प्रधानता देकर गांवों में बिजली, पानी, रास्ते, स्वच्छता, शौचालयों के निर्माण करवाकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई है।
समग्र देश में पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से स्वर्णिम चतुर्भुज योजना लागू करने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में सबका साथ-सबका विकास मंत्र के माध्यम से समग्र देश में विकास की भावना सार्थक हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश में पिछले पांच वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दो लाख किलोमीटर रास्तों का निर्माण हुआ है, इस योजना के तीसरे चरण में 1.25 लाख किलोमीटर रास्तों का निर्माण किया जाएगा। गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन के अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर उन्हें धुएं से मुक्ति दी है। उन्होंने कहा कि देश में पृथक जलशक्ति मंत्रालय का गठन कर जल जीवन मिशन के तहत आगामी वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृत संकल्पबद्ध है।
दो वर्षों में नए 1 हजार स्टार्ट अप शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है इरमा
उप राष्ट्रपति ने कहा कि देश में जल के प्रभावी उपयोग के लिए नदियों का जुड़ाव-सफाई के अलावा तालाबों के संरक्षण के लिए कार्य करने के साथ सीवरेज के पानी को कम करने व रीसाइकिल कर उपयोग करने के लिए कार्य शुरू किया गया है। भारत में वर्तमान में खाद्य, कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में 1 हजार से अधिक स्टार्ट अप कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इरमा भी आगामी दो वर्षों में अपने कौशल्य व अनुभव के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में नए 1 हजार स्टार्ट अप शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रोडक्शन बाई मास से श्वेत क्रांति को मिली सफलता
उन्होंने कहा कि गांवों में 90 प्रतिशत डेयरी से संबंधित गतिविधियां महिलाओं की ओर से संचालित हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) में महिलाओं का योगदान 25 प्रतिशत है। ग्रामीण संगठनों व उनकी आपूर्ति श्रृंखला में महिला सशक्तिकरण की अपार संभावनाएं हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अमूल की सफलता की गाथा हमारे पर है, श्वेत क्रांति की सफलता मास प्रोडक्शन से नहीं बल्कि प्रोडक्शन बाई मास से मिली है।
डॉ. वर्गीस कुरियन के योगदान की सराहना
उप राष्ट्रपति ने देश के गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए 40 वर्ष पहले इरमा की स्थापना करने पर श्वेत क्रांति के प्रणेता डॉ. वर्गीस कुरियन के योगदान की सराहना की। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि कहा कि गुजरात समग्र देश में ग्रामीण एवं कृषि विकास व महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। उन्होंने विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि अमूल मॉडल ने ग्रामीण व महिला सशक्तिकरण का उत्तम उदाहरण दिया है।
उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आवक दुगुनी करने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए गांवों में डेयरी, वेल्यू एडीशन, एग्रो इंडस्ट्रीज, बांस उत्पादन, शहद व खादी, खाद्य प्रसंस्करण यूनिट, मत्स्यपालन सरीखे ग्रामीण आजीविका की यूनिटें स्थापित करने पर जोर दिया। उप राष्ट्रपति ने देश की अर्थ व्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर के अंक तक पहुंचाने के लिए असरकारक ग्रामीण व्यवस्थापन में योगदान करने की अपील इरमा से की। इसके साथ ही देश के नागरिकों की आवश्यकताओं की आपूर्ति करने, सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ ग्रामीण भारत के विकास का मजबूत रोडमेप बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील भी इरमा से की।
शिक्षा मंत्री भूूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा ने इरमा से ग्रामीण विकास के साथ जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी प्रभावी कार्य करने की अपील की। प्रारंभ में इरमा के चेयरमैन दिलीप रथ ने इरमा की 40 वर्ष की विकास यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इरमा के 3 हजार में से 60 प्रतिशत प्रोफेशनल ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इरमा के निदेशक डॉ. हितेष भट्ट ने आभार व्यक्त किया।
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