कोरोना के खिलाफ 113 दिन तक जंग, परास्त कर घर लौटे देवेन्द्रभाई
अहमदाबाद के सोला सिविल अस्पताल में....
-भारत में कोरोना के विरुद्ध सबसे लंबी लडाई में मिली जीत

अहमदाबाद . शहर के सोला सिविल अस्पताल में कोरोना के खिलाफ 113 दिन तक जंग लड़कर जीतने वाले 59 वर्षीय देवेन्द्र भाई परमार शुक्रवार को घर लौट गए। भारत में कोरोना संक्रमित किसी मरीज के लिए यह सबसे लंबी उपचार अवधि है और वे पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट गए। देवेन्द्रभाई को डिस्चार्ज करने के मौके पर राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel) सोला सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीज और उनके परिजनों को ढेर सारी शुभकामनाएं दीं।
अहमदाबाद जिले के धोलका कस्बा निवासी देवेन्द्र परमार (59) को गत अगस्त माह में खांसी बुखार जैसी शिकायत होने पर कोरोना का टेस्ट कराया गया। 26 अगस्त को एन्टीजन टेस्ट में कोरोना की पुष्टि होने पर उनका आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया गया जिसके परिणाम भी पॉजिटिव आए थे। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से दो दिन बाद 28 अगस्त को उन्हें सोला सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण गहन उपचार किया गया। करीब चार माह बाद (113 दिन) उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज किया गया। भारत में कोरोना को लेकर यह सबसे लंबी उपचार अवधि बताई गई है। इतने दिन के उपचार के बाद मरीज सलामत घर पहुंचा है। इससे पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस के अग्रणी नेता भरत सोलंकी को भी शहर के सिम्स अस्पताल में 100 से अधिक दिनों तक कोरोना से मुक्ति दिलाई थी। देवेन्द्रभाई को डिस्चार्ज करने के मौके पर शुक्रवार को सोला सिविल अस्पताल पहुंचकर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर सोला सिविल अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीना सोनी, सोला सिविल अस्पताल के मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नितिन वोरा व अन्य चिकित्सा कर्मी मौजूद थे।
निजी अस्पताल में उपचार खर्च पहुंच जाता 30 लाख के आसपास
देवेन्द्रभाई को डिस्चार्ज करने के अवसर पर राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि इतने लबें उपचार की अवधि में यदि निजी अस्पताल में मरीज भर्ती होता तो कम से कम 30 लाख रुपए का खर्च आता, लेकिन सरकार संचालित सोला सिविल अस्पताल में मरीज का निशुल्क उपचार किया गया है। आईसीयू और वेंटीलेटर जैसी सेवाएं भी मरीज को मुहैया करवाईं गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक की सरकार को चिन्ता है जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सभी सेवाएं निशुल्क उपलब्ध करवाईजा रही हैं। मरीजों की अच्छी सेवा के लिए उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सा कर्मियों की भी सराहना की।
Óसोला सिविल अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों के परिश्रम से पति को मिला नया जीवनÓ
देवेन्द्रभाई की पत्नी इन्दुमती बेन ने कहा कि सोला सिविल अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों के कड़े परिश्रम से उनके पति को नया जीवन मिला है। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि किसी निजी अस्पताल में उनके पति का उपचार होता तो पता नहीं उनके पति ठीक होते भी या नहीं। उन्होंने राज्य सरकार एवं अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों का आभार माना।
हारेगा कोरोना जीतेगा गुजरात
सोला सिविल अस्पताल पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के आयोजनों के चलते कोरोना हारेगा और गुजरात जीतेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हरेक नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
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