scriptकिडनी खराब होने का बड़ा कारण मधुमेह व रक्तचाप | Diabetes and blood pressure are the major causes of kidney damage | Patrika News

किडनी खराब होने का बड़ा कारण मधुमेह व रक्तचाप

locationअहमदाबादPublished: Mar 14, 2018 06:06:04 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

मूलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल अस्पताल का सर्वे

Diabetes and blood pressure are the major causes of kidney damage

File photo

अहमदाबाद. किडनी खराब होना बड़ी समस्या बन रही है। देश में हर वर्ष दो लाख किडनी ट्रान्सप्लान्ट की जरूरत होती है और उसकी तुलना में मात्र आठ हजार ही ट्रान्सप्लान्ट हो पाते हैं। किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण मधुमेह और रक्तचाप का अनियंत्रण होना है। इसके अलावा किडनी खराब होने का पथरी फी बड़ा कारण है।
नडियाद स्थित मूलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल अस्पताल (एमपीयूएच) की ओर से किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. मोहन राजापुरकर ने बताया कि किडनी खराब होने के करीब एक लाख मरीजों की स्तिथि का जायजा लिया गया। हर दस लाख लोगों में से २५० लोगों को किडनी संंबधित बीमारी हो सकती है। किडनी खराब होने वालों मेें से ३५ फीसदी को मधुमेह, ४५ फीसदी को रक्तचाप अनियंत्रित पाया गया। इसके अलावा स्टोन (पथरी) और वंशानुगत भी बड़े कारण रहे हैं।
मूलजीभाई अस्पताल को ४० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अस्पतताल के चेयरमैन रोहित पटेल ने कहा कि वर्ष २०१० में शुरू हुई रोबोटिक सर्जरी के बाद से अब तक रोबोटिक से १०७० सर्जरी की गईं हैं। इसका लाभ किडनी दानदाता को तो मिलता ही है साथ ही मरीज को भी संक्रमण होने का खतरा कम होता है। अस्पताल के प्रबंध न्यासी डॉ. महेश देसाई ने बताया कि गुजरात में सबसे पहले द विन्सी सी रोबोटिक आसिस्टेड सर्जरी सिस्टम शुरू किया गया। इसके माध्यम से किडनी में कैंसर के २०० से अधिक ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
तीन हजार ट्रान्सप्लान्ट किए
अस्पताल में अब तक तीन हजार ट्रान्सप्लान्ट किए जा चुके हैं। प्रतिवर्ष यहां औसतन १५० ऑपरेशन होते हैं। इसके अलावा डायालिसिस के ३.३० लाख मरीजों को उपचार दिया गया है जबकि तीस हजार मरीजों की किडनी स्टोन के ऑपेरशन किए। डॉ. देसाई ने दावा किया कि किडनी ट्रान्सप्लान्ट के बाद व्यक्ति के अधिक जीवित रहने के मामले में अस्पताल की गणना विश्वस्तर पर होती है।
अस्पताल ने यूरोलोजिस्ट और नेफ्रोलॉजी क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का काम भी किया है। अस्पताल ने ४१ नेफ्रोलॉजिस्ट और ७० यूरोलॉजिस्ट तैयार किए हैं जो देश और विदेश में सेवा दे रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो