पेट रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के रोगों के होने का बड़ा कारण दूषित जल, दूषित खानपान व बदली हुई जीवन शैली है। देश में परंपरागत खाने को छोडकऱ जंक फूड़ अपनाना भी इस तरह के रोगों की बड़ी वजह बन रही है। हरेक व्यक्ति को शुद्ध जल मिलना अभी भी बड़ी समस्या है। मिलावटी भोजन को रोकने के ठोस कानून नहीं होने के कारण लोगों को इसकी कीमत रोगी बनकर चुकानी पड़ रही है।
हर चौथा व्यक्ति पाचन तंत्र के रोगों से परेशान अहमदाबाद के पेट आंत एवं लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रवण बोहरा का कहना है कि बदलती जीवन शैली की वजह से पाचन तंत्र संबंधित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो हर चौथा व्यक्ति इस तरह के रोगों से ग्रस्त है, जो चिंता का विषय है।
शुद्ध पानी, भोजन का करें सेवन, रात को खाने से बचेंडॉ. बोहरा का कहना है कि पाचनतंत्र संबंधित रोगों से बचने के लिए शुद्ध जल का ही सेवन करना चाहिए। पानी के अशुद्ध होने पर उसे क्लोरीन की गोली या फिर उबाल कर शुद्ध किया जा सकता है। शुद्ध ताजा खाने का सेवन किया जाना चाहिए। खाने में कृत्रिम रंगों का त्याग किया जाना हितकर है। देर रात भोजन करना भी परेशानी में डालने के समान हैं।
लगातार एसीडिटी, पेट दर्द हैं लक्षणडॉ. श्रवण बोहरा ने बताया कि लंबे समय तक एसीडिटी, जलन, लगातार पेट दर्द, खाना निगलने में कठिनाई, लगातार उल्टी होना, उल्टी में खून आना, लगातार वजन में कमी आना, भूख नहीं लगना, लंबे समय तक कब्ज रहना जो पहले कभी नहीं थी। ये लक्षण इसके चलते हैं। यह शुरुआती कैंसर के भी लक्षण हो सकते हैं। इन्हें नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। समय से चिकित्सक की सलाह ली जानी चाहिए।