इस संबंध में भारतीय किसान संघ के अग्रणी लोगों का कहना है कि किसानों की ओर से पहले ही राज्य सरकार को सूचित कर दिया गया था कि, उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तो बुधवार को राज्य के सभी जिलों के तहसील मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। चुनावी साल में किसानों की नाराजगी को लेकर सत्ता पक्ष की चिंता बनी हुई है और किसी तरह मुद्दों को शांत करने की जुगत लगाई जा रही है। डैमज कंट्रोल के सभी तरह के उपाय भी एक साथ शुरू कर दिए गए हैं।
हिम्मतनगर में सुबह से ही भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया। तहसीलदारों को दिए गए ज्ञापन में किसानों का कहना है कि किसानों को बिजली की आपूर्ति हॉर्स पावर और मीटर आधारित दरों पर दी जा रही है। इन दोनों में बहुत फर्क है। किसानों को सिर्फ हॉर्स पावर आधारित विद्युत की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके अलावा वर्ष 2019- 20 में मंजूर किए गए फसल की बीमे की राशि का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों पर जीएसटी नहीं लगाने की भी मांग की गई है।

पाटण. राज्य में बिजली की दर सस्ती करने की मांग को लेकर पाटण जिले के आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने बुधवार को कलक्टर कार्यालय परिसर में राज्य सरकार के विरुद्ध प्रर्दशन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा। इस मौके पर पाटण जिले के लोक सभा अध्यक्ष प्रशांत चौधरी, जिला अध्यक्ष देवेंद्र पटेल और पाटन विधान सभा संगठन मंत्री अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

पालनपुर. किसानों की बिजली संबंधी समेत अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने बुधवार को बनासकांठा जिले डीसा तहसीलदार कार्यालय परिसर में धरना दिया। किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि किसानों को थ्री फेज मीटर प्रणाली के कारण कई तरह से परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार इस नीति में बदलाव करें जिससे कि किसानों को राहत मिले। उन्होंने इस मीटर प्रणाली को समाप्त करने की मांग की। इसके अलावा दांतीवाडा और सीपु जलाशय को नहरो ंसे पानी डालकर भरने, बनास नदी को जीवंत करने, री सर्वो में पुरानी पद्धति को यथावत रखने, किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली को आधुनिक वाहन मानकर आरटीओ पासिंग से मुक्त करने की मांग भी की गई।