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Gujarat: असहमति, विरोध को Anti-National करार देना संविधान के मूल्यों पर चोट: जस्टिस चंद्रचुड़

locationअहमदाबादPublished: Feb 15, 2020 06:34:21 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

Dissent, anti-national, SC Judge Justice D Y Chandrachud, Gujarat

Gujarat: असहमति, विरोध को राष्ट्र विरोधी करार देना संविधान के मूल्यों पर चोट: जस्टिस चंद्रचुड़

Gujarat: असहमति, विरोध को राष्ट्र विरोधी करार देना संविधान के मूल्यों पर चोट: जस्टिस चंद्रचुड़

अहमदाबाद. विरोध और असहमति को लोकतंत्र के सेफ्टी वॉल्व की संज्ञा देते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचुड़ ने कहा कि असहमति या विरोध को पूरी तरह राष्ट्र विरोधी या अलोकतांत्रिक करार देना संवैधानिक मूल्यों व लोकतंत्र पर चोट के समान है।
गुजरात हाईकोर्ट सभागार में शनिवार को जस्टिस पी डी देसाई मेमोरियल व्याख्यान में ‘ विविध रंग, वर्ण जो भारत को बनाते हैं : बहुलता से बहुलवादÓ विषय पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कानून के दायरे में भारत जैसे उदार लोकतंत्र में नागरिकों को अपने विचारों को रखने का पूरा अधिकार है। इसके तहत वर्तमान कानूनों के खिलाफ विरोध करने का भी पूरा अधिकार है।असहमति जताने वालों या विरोध करने वालों को पूरी तरह राष्ट्रविरोधी और अलोकतांत्रिक करार देना संविधान के मूल्यों की रक्षा करने के दायित्व और लोकंतत्र को बढ़ावा देने पर सीधी चोट है।
उन्होंने कहा कि विचारों को दबाने के लिए राज्य की मशीनरी का दुरुपयोग कानून विरोधी है। राज्य की ओर से विरोध को दबाने के लिए मशीनरी का उपयोग करना डर पैदा होता है। यह अभिव्यक्ति की आजादी के वातावरण को खत्म करने का काम करता है जिससे कानून के नियमों (रूल ऑफ लॉ) का उल्लंघन होता है। साथ ही यह संविधान के बहुलवाद समाज के दृष्टिकोण से विपरीत है।
जस्टिस चंद्रचुड़ ने कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार विकास व सामाजिक संयोजन के उपकरण के समान है, लेकिन लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार बहुलवाद समाज के मूल्यों व पहचान पर एकाधिकार नहीं रख सकती। असहमति दर्शाना या सवाल खड़े करने का विरोध सभी तरह के विकास के आधार को नष्ट करता है चाहे वह राजनीतिक ,आर्थिक, सामाजिक व आर्थिक हो। इस तरह उन्होंने असहमति को लोकतंत्र के लिए सेफ्टी वॉल्व की तरह बताया। जस्टिस चंद्रचुड़ का यह वकतव्य ऐसे समय आया है जब देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा प्रस्तावित एनआरसी को लेकर देश भर में विरोध जारी है।
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