अब गिरनार पर्वत पर भी देख सकेंगे शेर, राज्य सरकार ने दी मंजूरी
जूनागढ़. एशियाई शेरों को देखने के लिए अब पर्यटकों को सागण गिर जाना जरुरी नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने गिरनार पर्वत पर एशियाई शेरों को देखने की दरखास्त को मंजरी दे दी है। ऐसे में आगामी १५ अक्टूबर से पर्यटक जूनागढ़ से ५-६ किलोमीटर दूर स्थित गिरनार पर्वत पर भी शेरों को देख सकेंगे।
वन विभाग के उप वन संरक्षक के अनुसार वन विभाग की ओर से जूनागढ़ की सीमा में गिरनार पर्वत के १८० किलोमीटर जंगल में तीन स्थलों पर शेरों के देखने की मंजूरी के लिए राज्य सरकार से मांग की थी। वन विभाग की ओर से की गई दरखास्त राज्य सरकार ने मंजूर की है और संभवत: १५ अक्टूबर से गिरनार के जंगल में उत्तर विभाग के इन्द्रेशवर नाके से पातुरण राउंड के ३५-४० किलोमीटर के क्षेत्र में शेर देख सकेंगे। इसके लिए सुबह एवं शाम को ५-५ परमिट ऑनलाइन दिए जाएंगे।
गिरनार पर्वत के जंगल में ३८ शेर रहते हैं। इसप्रकार गिरनार पर्वत का जंगल आगामी दिनों में शेरों के देखने वाला सैकेंड होम बनेगा।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल शेरों को देखने के लिए पर्यटकों को जूनागढ़ से ६० किलोमीटर दूर सासण गिर के जंगल में जाना पड़ता है।
जूनागढ़. एशियाई शेरों को देखने के लिए अब पर्यटकों को सागण गिर जाना जरुरी नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने गिरनार पर्वत पर एशियाई शेरों को देखने की दरखास्त को मंजरी दे दी है। ऐसे में आगामी १५ अक्टूबर से पर्यटक जूनागढ़ से ५-६ किलोमीटर दूर स्थित गिरनार पर्वत पर भी शेरों को देख सकेंगे।
वन विभाग के उप वन संरक्षक के अनुसार वन विभाग की ओर से जूनागढ़ की सीमा में गिरनार पर्वत के १८० किलोमीटर जंगल में तीन स्थलों पर शेरों के देखने की मंजूरी के लिए राज्य सरकार से मांग की थी। वन विभाग की ओर से की गई दरखास्त राज्य सरकार ने मंजूर की है और संभवत: १५ अक्टूबर से गिरनार के जंगल में उत्तर विभाग के इन्द्रेशवर नाके से पातुरण राउंड के ३५-४० किलोमीटर के क्षेत्र में शेर देख सकेंगे। इसके लिए सुबह एवं शाम को ५-५ परमिट ऑनलाइन दिए जाएंगे।
गिरनार पर्वत के जंगल में ३८ शेर रहते हैं। इसप्रकार गिरनार पर्वत का जंगल आगामी दिनों में शेरों के देखने वाला सैकेंड होम बनेगा।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल शेरों को देखने के लिए पर्यटकों को जूनागढ़ से ६० किलोमीटर दूर सासण गिर के जंगल में जाना पड़ता है।