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आर्थिक मजूबरी के चलते मौत के मुंह में उतरे

locationअहमदाबादPublished: Jun 16, 2019 12:45:13 am

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-मृतकों में पिता-पुत्र भी शामिल

Vadodara, 7 deaths, Manhole

आर्थिक मजूबरी के चलते मौत के मुंह में उतरे

अहमदाबाद. कहते हैं पेट क्या नहीं करवाता है। वडोदरा के पास डभोई में के होटल में गटर में उतरे सात जनों की मौत की कहानी भी पेट से जुड़ी है। सात में से चार तो मजदूर थे जो गटर में उतरने के बाद विषैली गैस के कारण घुटन से मर गए वहीं इनमें शेष तीन होटल के कर्मचारी थे।
बताया जाता है कि होटल मालिक को गटर की सफाई के लिए आधुनिक मशीनों से पांच हजार रुपए का खर्च बताया गया था, लेकिन इन मजदूरों ने अपने पेट की खातिर इस कार्य के लिए सिर्फ 3 हजार की ही मजदूरी बताई और जुट गए काम में बिना किसी प्रशिक्षण और संसाधन के।
3 हजार रुपए के लिए अशोक, हितेष, महेश और महेश पाटणवाडिया शुक्रवार देर रात गटर में नीचे उतरे। बिना आधुनिक मशीनों के साथ सफाईकर्मियों के गटर में उतरना वैसे ही मौत को बुलावा होता है और हुआ भी ऐसा ही। यही चिंता उनके रिश्तेदारों, पड़ोसियों, दोस्तों को सता रही है।
इस घटना में मारे गए लोगों में पिता-पुत्र भी शामिल है। अब अशोक और उसके पुत्र हितेष के मरने के बाद उनके परिवार का कौन भरण-पोषण करेगा।
इस घटना में अकाल काल कवलित हुए होटल के कर्मचारी का भी क्या दोष था। वेटर का काम करने वाले 22-23 वर्ष के अजय, विजय और सहदेव के घर का खर्चा कौन चलाएगा। हाथ से मैला साफ करने पर प्रतिबंध के बावजूद ये मजदूर भी इसी पेट की खातिर गटर में उतरे और इसी गटर ने इन्हें लील लिया।
इस तरह की दुर्घटनाओं पर न्यायालय भी कई बार टिप्पणी कर चुका है। न्यायालय ने गत वर्ष ही राज्य सरकार को हाथ से मैला साफ करने के मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।

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