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कैदियों की सुरक्षा-देखरेख की जिम्मेवारी राज्य सरकार पर: हाईकोर्ट

locationअहमदाबादPublished: Jan 16, 2018 11:44:31 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

साबरमती जेल में हुई थी कैदी चेतन बैटरी की हत्या
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मृतक की पत्नी को 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश बरकरार रखा

Murder, Jail, compensation
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि कैदियों की सुरक्षा व देखरेख की जिम्मेवारी राज्य सरकार की बनती है। राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि सरकार अपने कैदियों की देखरेख सुनिश्चित करे।
मुख्य न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी व न्यायाधीश वी. एम. पंचोली की खंडपीठ ने साबरमती जेल में कैदी चेतन बैटरी की हत्या के मामले में राज्य सरकार से मृतक की पत्नी को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश को बरकरार रखा।
खंडपीठ ने एकल पीठ के पांच लाख के मुआवजे के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील याचिका खारिज कर दी। वहीं मृतक की पत्नी की भी उस अपील याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुआवजे की रकम 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने की मांग की गई थी।
खंडपीठ ने माना कि साबरमती जेल के अधिकारी अपनी ड्यूटी में लापरवाह रहे और इसलिए इनके खिलाफ विभागीय जांच की गई। कुछ पर जुर्माना वसूला गया जबकि कुछ को सत्र अदालत ने सजा भी दी।
एकल पीठ ने दिसम्बर 2016 में राज्य सरकार से मृतक की पत्नी को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपए देने को कहा था। राज्य सरकार ने यह दलील दी कि जेल के अधिकारियों की ड्यूटी में लापरवाही नहीं पाई गई इसलिए राज्य सरकार मुआवजा देने के लिए जिम्मेवार नहीं है।
खंडपीठ ने राज्य सरकार व मृतक की पत्नी की ओर से दलीलों को देखते हुए पाया कि इस मामले में कुछ अधिकारियों को अदालत ने दोषी करार दिया वहीं कुछ अधिकारियों को लापरवाही के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसलिए राज्य सरकार की कैदियों की सुरक्षा को लेकर ड्यूटी में लापरवाही नहीं होने की बात नहीं स्वीकारी जा सकती।
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चेतन बैटरी हत्याकांड ने मचाया था हडक़ंप
सात अगस्त 2005 को अहमदाबाद के साबरमती जेल के भीतर कुख्यात चेतन बैटरी हत्या प्रकरण ने राज्य भर में सनसनी मचा दी थी। मामले के अनुसार आरोप है कि साबरमती जेल के बैरेक नंबर 5 में कुख्यात गोवा रबारी अपने साथियों के साथ मिलकर जेल में अन्य कैदियों से हफ्ता वसूली करता था। रबारी के साथी विशाल व जसवंत सिंह एक अन्य कैदी उत्तम से पैसे की मांग करते थे। उत्तम चेतन के साथ ही बैरक में रहता था। उत्तम ने रकम देने की बात नहीं मानी जिस पर उसके साथ मारपीट की गई। इस झगड़े में चेतन बीच में पड़ा और उसने रबारी को तमाचा जड़ा। चेतन ने इस घटना की शिकायत जेलर से की। इस मामले में गोवा ने खुद को अपमानित महसूस किया और उसने चेतन से बदला लेने की साजिश रची। आरोपियों ने हथियार की मदद से जेल परिसर में सात अगस्त 2005 को चेतन बैटरी की हत्या कर दी। इस मामले में अधिकांश आरोपियों को उम्र कैद की सजा हुई और साथ में जेल के कुछ अधिकारियों को भी दंडित किया गया। इसके बाद मृतक की पत्नी ने इस संबंध में मुआवजे की मांग की, लेकिन राज्य सरकार ने यह मांग खारिज कर दी।

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