शायद मंदिरों में प्रबंधन और तकनीक का इससे ज्यादा उपयोग कहीं देखने को नहीं मिलेगा। 80 के दशक में भी पिलर बनाने का काम तकनीक से होता था, मजदूरों की जगह मशीनों का उपयोग होता था। सारंगपुर में प्रशिक्षण संस्थान संत परंपरा के लिए बेजोड़ है। संतों का संस्कृत जानना अनिवार्य होता है चाहे भले संत लंदन से पढक़र आया हो। प्रमुख स्वामी संतों का एसीआर लिखते थे जैसा आज सरकार में भी नहीं लिखा जाता होगा।
पीदी ने संस्मरण याद किए
मोदी ने कहा कि एक बार प्रमुख स्वामी ने उनके भाषणों की टेप भेजने को कहा। तब उन्हें ऐसा लगा कि क्या बापा कहीं राजनीति में तो प्रवेश नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन पांच छह दिन बाद उन्हें प्रमुख स्वामी से मिलने का बुलावा आया।
प्रमुख स्वामी का आदेश उनके लिए संदेश होता था। तब प्रमुख स्वामी ने कहा कि ये-ये बातें उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी को उनके विकास की कितनी चिंता रहती थी।
क्या मैं अब मेहमान हो गया?
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्हें इस समारोह में आने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने संतों से पूछा कि क्या वे अब बीएपीएस के लिए मेहमान हो गए हैं। वे काफी भाग्यशाली हैं कि समय के साथ-साथ उनकी समझ बढ़ती गई और उन्हें स्वामीनारायण परंपरा और प्रमुख स्वामी महाराज से निकट से जुडऩे का सौभाग्य मिला।
अक्षरधाम ने सबको शांति दी है : महंत स्वामी
स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख महंत स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूं तो काफी व्यस्त थे। उनका यहां आना प्रमुख स्वामी महाराज की देन है। उन्होंने ही पीएम को यहां खींचा है। पीएम मोदी का प्रमुख स्वामी बापा के साथ नाता अनोखा था। यह स्वामी की हर आज्ञा का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि अक्षरधाम ने सब को शांति दी है। आज इसे २५ साल पूरे हुए हैं।
उन्होंने कहा अक्षरधाम पर आतंकी हमला हुआ उस दौरान प्रमुख स्वामी ने हमला करने वाले आतंकियों को भी आशीर्वाद दिया था कि उनकी सद्गति हो। यहां आने वालों को प्रेरणा मिलती है। यहां से आकर जाने वाला व्यक्ति निर्मल होकर जाएगा। उन्होंने कहा कि यूं तो प्रमुख स्वामी ने सभी को समानभाव से आशीर्वाद दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके आशीर्वाद को सही तरीके से ग्रहण किया है।
उन्होंने प्रमुख स्वामी की सलाह को अपने जीवन में उतारा है। पीएम मोदी दिन रात काम करते हैं। अपना ठाना हुआ काम करके ही दम लेते हैं।