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Earthquake: अब कच्छ में वर्ष वार एक्टिविटी कम

locationअहमदाबादPublished: Jun 06, 2020 02:38:15 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

Earthquake, Kutch, Gujarat, activity

Earthquake: अब कच्छ में वर्ष वार एक्टिविटी कम

Earthquake: अब कच्छ में वर्ष वार एक्टिविटी कम

अहमदाबाद. गुजरात में पिछले 9 मई से लेकर 4 जून तक भूकंप के 20 झटके आ चुके हैं लेकिन इनकी तीव्रता काफी कम रही। गत 9 मई को सौराष्ट्र में मांगरोल से 44 किलोमीटर दूर लोकेशन पर करीब 4 की तीव्रता का भूकंप आया था।
इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर)-गांधीनगर के वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक वर्ष 2001 में गुजरात के कच्छ में एक बड़ा भूकंप आने के बाद कच्छ में एक्टिविटी कम हो रही है। एक बड़ा भूकंप आने के बाद इसका खत्म हो जाता है। कच्छ में जो मुख्य रूप से जो ऑफ्टरशॉक आया था वह दवाब अब रिलीज हो गया। कच्छ में वर्ष 2001 से वर्षवार एक्टिविटी कम होती जा रही है। छोटे-मोटे भूकंप आते रहते हैं जो वैश्विक घटना है। ऐसे भूकंप के झटके बारिश, मानसून के बाद भी आएंगे।
चार भागों में बंटा है देश का सिस्मिक जोन

भूकंप की तीव्रता के आधार पर पूरे देश को चार जोन में बांटा गया है। इनमें जोन-2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। जोन-5 सबसे ज्यादा सक्रिय क्षेत्र है जबकि जोन-2 सबसे कम सक्रिय है। सिस्मोलोजिकल मैप के आधार पर दिल्ली जोन-4 के तहत आती है। देश को चार सिस्मिक जोन के तहत समूचा उत्तर पूर्व, जम्मूृ कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल का कुछ हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा तथा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह जोन-5 में आते हैं। जम्मू कश्मीर व हिमाचल प्रदेश का शेष हिस्सा, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग, गुजरात का कुछ हिस्सा तथा पश्चिमी तट के पास महाराष्ट्र व राजस्थान का कुछ हिस्सा जोन-4 में शामिल है। जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप, यूपी, गुजरात व पश्चिम बंगाल का शेष भाग और पंजाब, राजस्थान, बिहार का कुछ हिस्सा, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक शामिल हैं। इसके अलावा शेष देश जोन-2 में आता है।
इससे पहले वर्ष 1962 में देश के सिस्मिक कोड को सात जोन में बांटा गया था। वर्ष 1970 में सात से पांच जोन किया गया। इसके बाद कच्छ में भूकंप के बाद वर्ष 2002 में देश को पांच से चार सिस्मिक जोन में तब्दील किया गया।

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