script

स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप मामले में ईडी ने दायर की शिकायत

locationअहमदाबादPublished: Oct 23, 2018 09:43:01 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

प्रवर्तन निदेशालय

Enforcement director

स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप मामले में ईडी ने दायर की शिकायत

अहमदाबाद. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्पेशल प्रिन्वेशन ऑफ मनी लॉण्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट – नई दिल्ली में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (सांडेसरा ग्रुप) के मामले में शिकायत दर्ज कराई है। ईडी ने पिछले वर्ष इस ग्रुप के खिलाफ मनी लॉण्डरिंग का मामला दर्ज किया गया था। ईडी की जांच में सामने आया था कि सांडेसरा एवं अन्य ने बैंकों के धोखाधड़ी करने की साजिश रची थी। उन्होंने अपनी फ्लैगशिप कम्पनियों की बैलेंस शीट में आंकड़ों में फेरबदल कर ज्यादा ऋण मंजूर कराया था। ऋण लेने के बाद उन्होंने उसे लोन फंड में तब्दील कर दिया था। अब तक ऋण धोखाधड़ी की राशि बढ़कर 8100 करोड़ रुपए हो गई।
ग्रुप की स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, पीएमपी मशीन लिमिटेड, स्टर्लिंग सेज एवं इंफ्रा लिमिटेड सहित 184 कम्पनियों के अलावा 191 आरोपियों के खिलाफ प्रोसिक्युशन शिकायत दर्ज कराई गई। जांच में यह भी सामने आया कि मालिकों ने अपने कर्मचारियों का नाम उपयोग कर 249 शेल कम्पनियां बनाई थी। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने उनसे असली पैनकार्ड, स्टाम्प, सील, एसोसिएशन के मेमोरेण्डम, हस्ताक्षर समेत 15 लाख दस्तावेज जब्त किए थे।
एक हजार करोड़ के बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश
अहमदाबाद. राज्य वस्तु एवं सेवा कर (स्टेट जीएसटी) विभाग ने एंफोर्समेन्ट ब्रांच ने एक हजार करोड़ रुपए के बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले के जरिए 58 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रैडिट उजागर हुई। खाद्य और अखाद्य तेलों में होने वाली कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए जीएसटी की एन्फोर्समेन्ट के अधिकारियों ने जून और सितम्बर में 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें दस्तावेजों की जांच और आरोपियों के बयानों लिए गए। जांच में यह सामने आया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से राइस ब्रान ऑयल खरीदकर उसे महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के कई व्यापारियों को बगैर बिल की बेच दिया जाता था। स्टेट जीएसटी के विशेष आयुक्त (इन्वेस्टीगेशन) अजय कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुजरात की भी अलग-अलग रिफाइनरियों से पामोलिन ऑयल की बगैर बिलों के खरीदारी की गई थी। जांच में कई ब्रॉंकर्स के नाम से सामने आए थे, जो गोंडल और ऊंझा से हैं। जांच के दौरान गोंडल के विमल भूत, अनिलभाई भूत ने अलग-अलग व्यक्तियों के नाम सात ऑयल कम्पनियां बनाई थी, जिनसे 470.76 करोड रुपए फर्जी बिल पाए गए। इसके जरिए 23.62 करोड रुपए की इनपुट टेक्स क्रेडिट थी। इसके अलावा गोंडल के ही विमलभाई भूत, और रविकुमार वाजा, डीसा के दलपत ठक्कर, ऊंझा के अमित कुमार ठक्कर और मयूर ठक्कर अलग-अलग व्यापारियों को बगैर बिल का माल बेचने और इनपुट टेक्स क्रेडिट तब्दील करने में अहम भूमिका निभाई थी।

ट्रेंडिंग वीडियो