एक हजार करोड़ के बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश
अहमदाबाद. राज्य वस्तु एवं सेवा कर (स्टेट जीएसटी) विभाग ने एंफोर्समेन्ट ब्रांच ने एक हजार करोड़ रुपए के बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले के जरिए 58 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रैडिट उजागर हुई। खाद्य और अखाद्य तेलों में होने वाली कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए जीएसटी की एन्फोर्समेन्ट के अधिकारियों ने जून और सितम्बर में 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें दस्तावेजों की जांच और आरोपियों के बयानों लिए गए। जांच में यह सामने आया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से राइस ब्रान ऑयल खरीदकर उसे महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के कई व्यापारियों को बगैर बिल की बेच दिया जाता था। स्टेट जीएसटी के विशेष आयुक्त (इन्वेस्टीगेशन) अजय कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुजरात की भी अलग-अलग रिफाइनरियों से पामोलिन ऑयल की बगैर बिलों के खरीदारी की गई थी। जांच में कई ब्रॉंकर्स के नाम से सामने आए थे, जो गोंडल और ऊंझा से हैं। जांच के दौरान गोंडल के विमल भूत, अनिलभाई भूत ने अलग-अलग व्यक्तियों के नाम सात ऑयल कम्पनियां बनाई थी, जिनसे 470.76 करोड रुपए फर्जी बिल पाए गए। इसके जरिए 23.62 करोड रुपए की इनपुट टेक्स क्रेडिट थी। इसके अलावा गोंडल के ही विमलभाई भूत, और रविकुमार वाजा, डीसा के दलपत ठक्कर, ऊंझा के अमित कुमार ठक्कर और मयूर ठक्कर अलग-अलग व्यापारियों को बगैर बिल का माल बेचने और इनपुट टेक्स क्रेडिट तब्दील करने में अहम भूमिका निभाई थी।
अहमदाबाद. राज्य वस्तु एवं सेवा कर (स्टेट जीएसटी) विभाग ने एंफोर्समेन्ट ब्रांच ने एक हजार करोड़ रुपए के बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले के जरिए 58 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रैडिट उजागर हुई। खाद्य और अखाद्य तेलों में होने वाली कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए जीएसटी की एन्फोर्समेन्ट के अधिकारियों ने जून और सितम्बर में 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें दस्तावेजों की जांच और आरोपियों के बयानों लिए गए। जांच में यह सामने आया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से राइस ब्रान ऑयल खरीदकर उसे महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के कई व्यापारियों को बगैर बिल की बेच दिया जाता था। स्टेट जीएसटी के विशेष आयुक्त (इन्वेस्टीगेशन) अजय कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुजरात की भी अलग-अलग रिफाइनरियों से पामोलिन ऑयल की बगैर बिलों के खरीदारी की गई थी। जांच में कई ब्रॉंकर्स के नाम से सामने आए थे, जो गोंडल और ऊंझा से हैं। जांच के दौरान गोंडल के विमल भूत, अनिलभाई भूत ने अलग-अलग व्यक्तियों के नाम सात ऑयल कम्पनियां बनाई थी, जिनसे 470.76 करोड रुपए फर्जी बिल पाए गए। इसके जरिए 23.62 करोड रुपए की इनपुट टेक्स क्रेडिट थी। इसके अलावा गोंडल के ही विमलभाई भूत, और रविकुमार वाजा, डीसा के दलपत ठक्कर, ऊंझा के अमित कुमार ठक्कर और मयूर ठक्कर अलग-अलग व्यापारियों को बगैर बिल का माल बेचने और इनपुट टेक्स क्रेडिट तब्दील करने में अहम भूमिका निभाई थी।