वार्ता-चित्रकार नलिन ***** ने कहा कि अन्य विद्यालयों में शिक्षकों की कला सूख गई लगती है लेकिन केवी में कला शिक्षकों की कला को राष्ट्रीयस्तर पर पहचान मिल रही है। संगीत और चित्रकला शिक्षकों से ही संस्था का गौरव बढ़ता है, यह दोनों ही शिक्षक की रीढ़ होती है और संस्था के प्रधान इनकी कद्र कर रहे है, यह भी प्रशंसनीय है। पढ़ते-पढ़ते पढ़ा रहे शिक्षक नई पीढ़ी को कला के संस्कार दे सकते हैं। भारतीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के सिरामिक व ग्लास डिजाइन विभाग की सीनियर फैकल्टी नीलिमा हसीजा, एनआईडी के एनिमेशन विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष रमणलाल मिस्त्री, केवीएस के सेवानिवृत्त कला शिक्षक व कार्टूनिस्ट ए.एम. जामी आदि भी मौजूद थे।
कला प्रेमियों व विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए आगामी 1 मई तक सवेरे 10 से शाम 7 बजे तक खुली रहने वाली प्रदर्शनी में कला शिक्षकों ने वाटर कलर, एक्रिलिक कलर, ऑयल कलर, सिपोरेक्स प्राकृतिक वनस्पति जन्य रंगों का उपयोग कर कलाकृतियां प्रदर्शित की हैं। केवी सेक के विद्यार्थियों ने संगीत शिक्षिका कृष्णा इंजीनियर के निर्देशन में राजी फिल्म का गीत ‘लगन की बाजी है चोट भी ताजी है’ प्रस्तुत किया। प्रदर्शनी की मार्गदर्शिका व केवी सेक की प्राचार्या जेमी जेम्स ने स्वागत भाषण दिया। नवीनचंद्र के. अमीन ने अंत में आभार जताया। डॉ. तरुणा माथुर ने संचालन किया।